जौनपुर (19 जून)। परियोजना अधिकारी डूडा अनिल कुमार वर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के अन्तर्गत आवासीय योजना का लाभ दिलाने के लिए फील्ड में कार्यरत जे.ई., दलाल तथा स्थानीय दलालों से सावधान रहे। उन्होंने बताया कि इस योजनान्तर्गत आवासीय सुविधा का लाभ दिलाने के नाम पर जिस भी जे.ई.अथवा दलाल द्वारा आपसे बतौर रिश्वत की मांग की जाय तो कृपया कार्यालय के मोबाइल नम्बर 8303781342 पर तुरन्त अवगत करायें।
पीएम आवास योजना में लेन-देन का प्रकरण संज्ञान में आने पर दोषियों के विरूद्ध होगी कार्यवाही। छूटे हुए लाभार्थियों को आवेदन करने हेतु की गयी विशेष काउन्टर की व्यवस्था- डूडा अधिकारी
दूरभाष पर प्राप्त शिकायतों की कमेटी द्वारा जाॅच करायी जायेगी। यदि सम्बन्धित व्यक्ति धन उगाही में लिप्त पाया जाता है, तो उसके विरूद्ध नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। लाभार्थियों से अनुरोध है कि वे स्वयं अपने स्तर पर किसी को किसी प्रकार का कोई पैसा न दें। क्योंकि प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी पूर्णतः निःशुल्क है। इस योजना में सरकार की ओर से किसी प्रकार का कोई शुल्क निश्चित नहीं किया गया है। यदि इसके बावजूद यदि कोई लाभार्थी किसी भी प्रकार का लेन-देन करता है तो उसका जिम्मेदार वह स्वयं होगा। परियोजना अधिकारी डूडा ने बताया कि रिश्वत लेने देने के मामले में जितना दोषी लेने वाला होता है, उतना ही दोषी देने वाला भी होता है। यह योजना पूर्णतया निःशुल्क है। कृपया लेने-देन बचें और योजना को सफल बनाने में सहयोग प्रदान करें। उन्होंने बताया कि संज्ञान में आया है कि कुछ फर्जी लोग लाभार्थियों से आवास के नाम पर धनउगाही कर रहे हैं। फर्जी लोगों से बचने के लिए फील्ड में कार्यरत सभी जे.ई. को आई कार्ड निर्गत किया गया है। कृपया उनका आई कार्ड देखने के बाद ही उनसे आवास के सम्बन्ध में वार्ता करें। उन्होंने बताया कि छूटे हुए वंचित पात्र लाभार्थियों के लिए डूडा कार्यालय पर एक विशेष काउन्टर की व्यवस्था की गयी है। अतः वंचित लाभार्थी अपने आधार कार्ड, बैंक पासबुक, जमीन कागजात एवं एक फोटोग्राफ के साथ काउन्टर पर पहुॅचकर आवेदन भरना सुनिश्चित करें। परियोजना अधिकारी डूडा ने बताया कि पात्र व्यक्तियों को मकान बनाने के लिए 2.50 लाख का अनुदान लाभार्थी के बैंक खाते में तीन किस्तों में क्रमशः प्रथम किस्त में 50 हजार, द्वितीय किस्त में 1 लाख 50 हजार तथा तृतीय किस्त में 50 हजार की धनराशि अवमुक्त की जायेगी। अवशेष धनराशि का भार लाभार्थी को खुद वहन करना होगा।