जौनपुर(18जून)। मड़ियाहूं कोतवाली क्षेत्र के स्थानीय नगर निवासी एक सप्ताहिक अखबार के पत्रकार की सोमवार की बीती रात रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हो गए है। परिजनों ने उनकी अपहरण की आशंका व्यक्त कर रहे हैं। वहीं पत्रकार की पत्नी किसी से विवाद नहीं होना बता रही हैं। सूचना परिजनों ने सुबह पुलिस को दिया है। पुलिस पत्रकार की अपहरण की आशंका कर हांफती नजर आ रही लेकिन मंगलवार तक कुछ पता नहीं चल पाया है।
मड़ियाहूं के रानीझील के पास स्थित भण्डरिया टोला निवासी शमीम अहमद उर्फ बबलू पत्रकार एक दैनिक अखबार के पूर्व ब्यूरो चीफ के साप्ताहिक अखबार का पत्रकार थे। सोमवार की शाम अपनी पत्नी सबीना बानों से कहा कि गोलाबाजार में मुन्ना सब्जी फरोश के यहां रिशेप्शन से होकर आता हूं। लेकिन देर रात तक घर नहीं आया तो पत्नी परेशान हो गयी। रात भर इंतजार करने के बाद सूचना पुलिस को दिया पुलिस पत्रकार का पता लगाने के लिए सुबह से हांफती नजर आ रही है। लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं लग सका। बताते हैं कि 9.30 सोमवार की रात पड़ोस का लड़का आदिल ने हनुमान बिल्डिंग के पास संदीप चाय वाले की दुकान पर देखा था। लेकिन उसके बाद उनका पता मंगलवार की सुबह तक नहीं चल पाया।
बबलू से किसी का कोई झगड़ा नहीं था लेकिन प्रापर्टी विवाद जरूर था।
इस संबंध में भण्डरिया टोला निवासियों का माना जाय तो बबलू का किसी से कोई झगड़ा फसाद नहीं था लेकिन पारिवारिक कलह जरुर था। जिसके कारण वह अपना मूल निवास मोहल्ला कजियाना को छोड़कर किराएं के मकान में भण्डरिया टोला में पत्नी सबीना बानों के साथ रहता था। बताया जाता है कि बबलू के दो पिता इकबाल एवं निसार थे। जिसमें इकबाल बड़े पिता थे। जिनके केवल एक लड़की शाहनाज थी। निसार के तीन बेटे शमीम अहमद ‘बबलू’, नसीम उर्फ डबलू, और सिबलू थे। चर्चा है कि बड़े पिता के प्रापर्टी को लेकर कुछ अरसा पूर्व घर में प्रापर्टी विवाद हो गया। जिसमें पत्रकार बबलू ने प्रापर्टी को छोड़कर अलग रहने लग गया था और बिजुर्गा में जनरल स्टोर्स की दुकान खोलकर जीविकोपार्जन करने के साथ पत्रकारिता भी करता था। लेकिन सोमवार की रात अचानक संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गया है। पत्नी सबीना बांनों पति के गायब होने पर संशकित है और अपहरण की आशकां भी व्यक्त कर रही है।
कहीं बबलू के पीछे कोई खडयंत्र तो नहीं
मोहल्लावासियों का माना जाय तो बबलू के गायब होने के पीछे प्रापर्टी विवाद में कोई खडयंत्र है जो दबी जुबान मान रहे हैं।