जौनपुर। स्वास्थ्य विभाग लाख दावा कर ले लेकिन जिले में भ्रूण परीक्षण कर गर्भपात कराने का धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। विभागीय लापरवाही के चलते इस धंधे में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी नहीं हो पा रही है। अल्ट्रासाउंड केंद्रों की जांच तो होती है लेकिन कार्रवाई के नाम पर कागजी कोरम पूरा कर दिया जाता है। जिले के तमाम अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर भ्रूण परीक्षण कर गर्भपात कराने का धंधा फलफूल रहा है। जांच की आड़ में भ्रूण परीक्षण कर मोटी रकम वसूल रहे हैं।
जिले में 81 अल्ट्रासाउंड सेंटर पंजीकृत है। जबकि एक दर्जन से अधिक अल्ट्रासाउंड सेंटरों का
संचालन चोरी छिपे हो रहा है। इन अल्ट्रसाउंड सेंटरों का अपना अलग गिरोह चल रहा है। जो जांच कराने से लेकर पीड़ितों को घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी लेते हैं।
जिला मुख्यालय से लेकर तहसील क्षेत्रों में कुल 81 अल्ट्रासाउंड सेंटर पंजीकृत हैं। अल्ट्रासाउंड कराने के लिए यह जरूरी है कि जिस महिला का अल्ट्रासाउंड कराया जा रहा है उसका आईडी प्रमाण पत्र लिए बिना अल्ट्रासाउंड न किया जाए। साथ ही अल्ट्रासाउंड करने के कारण का जिक्र भी होना चाहिए। अपने को बचाने के लिए अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालकों ने भ्रूण परीक्षण नहीं किए जाने का बोर्ड भले ही लगा दिया है। लेकिन वह भी जांच की आड़ में भ्रूण परीक्षण कर गर्भपात कराने में पीछे नहीं हैं। ऐसे गिरोह की धर पकड़ के लिए वर्ष 2017 में स्वास्थ्य विभाग ने मुखबिर योजना शुरू किया था। इसमें मरीज बनकर जाने वाली गर्भवती महिला को एक लाख और 60 हजार रुपये मुखबिर को और उसके सहयोगी को 40 हजार रुपया मिलता है। लेकिन जिले स्वास्थ्य की ओर से इस योजना का संचालन नहीं किया जा रहा है। जिसके चलते भ्रूण परीक्षण का धंधा धडल्ले से चल रहा है।
दिल्ली की टीम ने दो केंद्रों को किया था।
जौनपुर। अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर गलत तरीके से भ्रूण परीक्षण किए जाने की शिकायत पर एक वर्ष पहले दिल्ली की टीम ने शहर के साल्वी अल्ट्रासाउंड सेंटर और मां गायत्री अल्ट्रासाउंड सेंटर पर छापेमारी किया था। अनियमितता मिलने पर दोनों सेंटरों को सीज कर दिया था। कोर्ट के निर्देश पर मां गायत्री अल्ट्रासाउंड सेंटर का संचालन शुरू हो गया है। लेकिन साल्वी अल्ट्रासाउंड सेंटर अभी बंद चल रहा है। इसके अलावा एडीसनल सीएमओ डा. आरके कुशवाहा और एसडीएम मछलीशहर ने आठ माह पहले मुंगराबादशाहपुर स्थित एक अल्ट्रासाउंड सेंटर पर छापा मारकर उसे सीज किया था।
क्या कहते हैं जनपद के अधिकारी, मात्र 81 अल्ट्रासाउंड सेंटर है पंजीकृत
डा. आईएन तिवारी, नोडल अधिकारी जौनपुर ने बताया कि अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर समय-समय पर छापेमारी कर जांच की जाती है। जिले में 81 अल्ट्रासाउंड सेंटर पंजीकृत है। सभी सेंटर संचालकों को मानक के तहत जांच करने का निर्देश दिया गया है। विभागीय टीम इन सेंटरों की जांच करती रहती है। किसी भी सेंटर पर अनियमितता की शिकायत मिलने पर छापेमारी की जाती है।