विज्ञान की खबर
जौनपुर24 मई)। विश्व सिजोफ्रेनिया दिवस पर श्री कृष्णा न्यूरो एवं मानसिक रोग चिकित्सालय नईगंज में निःशुल्क शिविर का आयोजन कर लोगों को सिजोफ्रेनिया के प्रति जागरूक किया गया।
मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. हरि नाथ यादव ने बताया कि यह एक ऐसी मानसिक बीमारी है जो आत्महत्या का कारण बन जाती है। एक अध्ययन में पाया गया है कि सिजोफ्रेनिया की चपेट में आने वाले ज्यादातर युवा होते हैं। सिजोफ्रेनिया ऐसी मानसिक बीमारी है जो आत्महत्या का कारण बन जाती है। इसकी चपेट में आने वाले ज्यादातर युवा होते हैं। देश की शहरी आबादी में प्रति हजार लोगों में दस इसकी चपेट में हैं। इस बीमारी में मरीज को ऐसी चीजें दिखाई और सुनाई देती हैं, जो हकीकत में होती ही नहीं। बीमारी का कारण आनुवांशिक, तनाव, पारिवारिक झगड़े व नशे की तल होती है। विश्व की 10 बड़ी बीमारियों में यह शामिल है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सिजोफ्रेनिया को युवाओं की सबसे बड़ी क्षमतानाशक बीमारी घोषित किया है। इस अवसर पर डा. सुशील यादव, डा. आलोक यादव, लालजी यादव, शिव बहादुर, प्रेम, राधेश्याम यादव, जंग बहादुर यादव, उमानाथ, नितिन यादव, अनूप, दीपक, त्रिपाठी, अनूप, गिरी प्रकाश चौधरी आदि उपस्थित रहे।