प्रयागराज (22मई)। नई दिल्ली इंटरनेशनल एकैडमी आफ़ साइंस एंड रिसर्च, कोलकाता के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर हमारी जैव विविधता हमारा भोजन एवं हमारे स्वास्थ्य पर वैश्विक सम्मेलन भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण प्रयागराज में आयोजित हुआ। इस अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता सेमिनार में देश विदेश से वैज्ञानिक, पर्यावरणविद समाजशास्त्री विधि विशेषज्ञ और शिक्षाविद सम्मिलित हुए। इस वैश्विक सेमिनार मे कई विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। शोध पत्रों की गुणवत्ता के आधार पर कई पुरस्कार भी दिए गए। जिसमें राजा श्री कृष्ण दत्त महाविद्यालय और टी डी पीजी कॉलेज जौनपुर के दो प्राध्यापकों डॉ मनोज वत्स को सरदार पटेल सरदार पटेल ग्लोबल अवॉर्ड सोशल अवेयरनेस पुरस्कार और डॉ. देवब्रत मिश्र को लाल बहादुर शास्त्री ग्लोकल अवॉर्ड बायोडायवर्सिटी पुरस्कार इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, राहुल चतुर्वेदी निदेशक ,भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण डॉ जीपी सिन्हा एवं कुलपति प्रोफेसर आर के पी सिंह, शकुंतला मिश्रा, राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ के द्वारा दिया गया। डॉ. वत्स एवं डॉ. मिश्र का राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रों में बायोडायवर्सिटी और कंजर्वेशन ऑफ नेचर नेचुरल रिसोर्सेज नदियों के सामाजिक प्रभाव आदि के कई शोध पत्र विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय जनरल में प्रकाशित हुए हैं। इसके पूर्व भी डॉ.मनोज वत्स और डॉ. देवव्रत मिश्र को जलवायु एवं वन मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा पर्यावरण और जागरूकता के क्षेत्र में पुरस्कार मिल चुका है। इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में डॉ. मनोज वत्स ने “आधुनिक सामाजिक निष्क्रियता के कारण गोमती नदी में बढ़ते हुए प्रदूषण “पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। जिसको सेमिनार में विभिन्न वैज्ञानिकों द्वारा सराहा गया। वहीं डॉ. देवव्रत मिश्र ने “जलवायु में परिवर्तन पर वैश्विक चेतावनी विषय” पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया।