गांव के लोगों का शहरों की तरफ पलायन होना चिंतनीय
जौनपुर(5अप्रैल)। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद हैदराबाद के वरिष्ठ फैकल्टी डा. अनिल कुमार दुबे ने कहा कि विश्वविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना एवं पत्रकारिता के विद्यार्थियों के साथ ग्रामीण विकास के लिए काम करेगा। उन्होंने कहा कि समाज में शिक्षा का स्तर बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ हम संस्कृति, संस्कार से दूर होते जा रहे हैं। गांव के लोगों का शहरों की तरफ पलायन होना चिंतनीय है। देश के विकास में ग्रामीण विकास सबसे जरूरी है। इसके लिए ग्रामीण सामुदायिक सहभागिता कार्यक्रम संचालित किया जाएगा। वह शुक्रवार को वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना भवन महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद, मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के नई तालीम एवं ग्रामीण प्रक्षालन व सामुदायिक सहभागिता कार्यक्रम के तहत कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि जनसंख्या वृद्धि, प्रदूषण, लोक परंपरा के संरक्षण एवं गरीबी को केंद्रित करते हुए ग्रामीणों जागरूक किया जाएगा। शिक्षा संकाय के साथ नई तालीम कार्यक्रम को पूर्वांचल में चलाया जाएगा। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डा. राकेश यादव ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवक और सेविकाएं इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी महती भूमिका अदा करेंगे। जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डा. मनोज मिश्र ने कहा कि सदियों से जीवंत ग्रामीण संस्कृति को अब संरक्षित किए जाने की जरूरत है। नए दौर में युवाओं का अपनी परम्परा और संस्कृति से विमुख होना भविष्य के लिए सुखद संदेश नहीं है। ग्रामीण संस्कृति को संजोकर ग्रामीण विकास करना जरूरी है। बैठक के पूर्व डा. अनिल कुमार दुबे ने कुलपति प्रो. राजाराम यादव से भेंट की। उन्होंने परिषद के कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से चर्चा की। कुलपति प्रो. राजाराम यादव ने कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए हर स्तर पर सहयोग करने का आश्वासन दिया। बैठक में रोवर्स रेंजर्स के समन्वयक डा. जगदेव, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. राम कुमार मौर्य, डा. राममूर्ति यादव, डा. राजेश कुमार, डा. नीरज श्रीवास्तव, डा. राम मोहन अस्थाना, डा. अखिलेश चंद्र यादव, डा. संदीप कुमार यादव ने प्रतिभाग किया।