जौनपुर(3अप्रैल)। गर्मी शुरू होते ही मच्छरों की भरमार हो गई है। मौसम के बदलाव और गंदगी के साथ मच्छरों की बढ़ी संख्या तेजी से बढ़ रही हैं। शहर में जगह-जगह कूड़े का ढेर लगा है। नालियों में गंदी पानी बजबजा रहा है। जिससे लोग मलेरिया, डायरिया व पीलिया की चपेट में आ रहे हैं। अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। जिसमें खासकर मच्छर काटने से होने वाले रोगों के मरीज शामिल हैं। जिला अस्पताल में जनवरी 21 दिसंबर से 20 जनवरी के बीच 21216 मरीजों की ओपीडी हुई। इसी प्रकार 21 जनवरी से 20 फरवरी के बीच 25315 और 21 फरवरी से 20 मार्च के बीच 26988 मरीज ओपीडी में पहुंचे। चिकित्सकों का कहना है कि अधिकतम और न्यूतम तापमान के बीच अंतर अधिक होने के कारण मच्छरों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। जैसे ही यह अंतर कम होगा मच्छरों की संख्या कम हो जाएगी।
खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थो के सेवन से बचे
जौनपुर। दूषित पानी और खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थ के सेवन के लोग बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। जिसके कारण पीलिया और डायरिया की चपेट में लोग आ रहे है। सड़कों पर गंदगी, नालियां बजबजाने से मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ा है। जिससे जिला राजकीय मरीजों की भीड़ लग रही है। मंगलवार को 1180 मरीज ओपीडी में इलाजा कराने के लिए पहुंचे।
घर के आसपास जमा न होने दें गंदा पानी
जौनपुर। मच्छरों से बचाव के लिए हर किसी को अपने घरों के आसपास साफ सफाई रखना चाहिए।
घर के बगल गड्ढे में गंदा पानी न इकट्ठा न होने दे। गंदे पानी में मच्छर प्रजजन करते हैं। मलेरिया के लिए फीमेल एनाफ्लीज जिम्मेदार है। इसके लार्वा में गंदे पानी पैदा होते हैं। यदि गंदा पानी कही इकट्ठा होता होता है तो उसमें मिट्टी का तेल, जला हुआ मोबिल आदि समय-समय पर डाला देना चाहिए। ताकी लार्वा नष्ट हो जाएं।
मच्छरों पर नियंत्रण के लिए मैलाथियान का छिड़काव
जौनपुर। मच्छरों पर नियंत्रण पाने के लिए मैलाथियान की फागिंग कराए और 10 परसेंट पाइथम का छिड़काव कराना चाहिए। फागिंग कराने से मच्छरों पर अंकुश लग जाता है। वैसे मच्छरों से बचाव के लिए सबसे आसान तरीका मासक्यूटो नेट (मच्छरदानी) है। रात में सोते समय मच्छरदारी लगाकर सोना चाहिए। शरीर को कपड़े से ढ़कने की कोशिश करनी चाहिए।
गर्मी शुरू होते ही बढ़ गई मरीजों की संख्या
जौनपुर। गर्मी शुरू होते ही मरीजों की संख्या बढ़ गई है। आंकडों पर नजर डाले तो जनवरी 21 दिसंबर से 20 जनवरी के बीच 21216 मरीजों की ओपीडी हुई। इसी प्रकार 21 जनवरी से 20 फरवरी के बीच 25315 और 21 फरवरी से 20 मार्च के बीच 26988 मरीज ओपीडी में पहुंचे। फरवरी की अपेक्षा मार्च में 1673 मरीज अधिक ओपीडी में पहुंचे।
डा. वीपी सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी जौनपुर ने बताया कि मौसम में आए बदलाव के कारण मच्छरों की संख्या बढ़ गई है। जैसे ही अधिकतम और न्यूनतम तापमान के बीच एक सप्ताह से दस दिन के बीच अंतर कम होगा मच्छरों की संख्या कम जाएगी। एक सप्ताह से दस के बीच मच्छरों से बचाव के लिए साफ सफाई करने के साथ मैलाथियान से फांगिंग करानी चाहिए। साथ ही मच्छरदानी लगाकर मच्छरों से प्रकोप से बचा जा सकता है।