जौनपुर (1अप्रैल)। केराकत कोतवाली क्षेत्र का मुफ्तीगंज चौकी पुलिस डीजीपी लखनऊ के आदेशों को भी दरकिनार कर पत्रकारों को लोकसभा चुनाव के मद्देनजर रखते हुए शांति भंग में चालान करने से नहीं कतराई है। पुलिस ने सोमवार को जल शांति भंग का नोटिस लेकर पत्रकार के घर पहुंचा तब इस मामले का खुलासा हो सका। मजे की बात यह है की पुलिस ने पत्रकार की भाभी से पूछा कि पत्रकार साहब हैं तो उन्होंने कहा कि घर के अंदर हैं तो पुलिस धीरे से चलती बनी उसी क्षण पत्रकार की भाभी ने पुलिस को बताया कि भैया अभी बाहर गए हैं। तब पुलिस ने शान्तीभंग में चालान किए गए नोटिस को निकाल कर भाभी से ही हस्ताक्षर कराकर चला गया ।
मुफ्तीगंज चौकी की पुलिस मुर्तजाबाद निवासी पत्रकार राजेंद्र विश्वकर्मा के लोकसभा चुनाव हमें शांति भंग करने में पुलिस ने आरोपी बना कर चलान न्यायालय ने भेज दिया था। सोमवार को चौकी के एक पुलिस ने दोपहर नोटिस की तामिली कराने के लिए घर पहुंचा और पत्रकार के भाभी से पूछा की पत्रकार साहब है। रहने की बात पर पुलिस धीरे से चलता बना लेकिन जब पता चला कि घर में नहीं है तब उनके भाभी से हस्ताक्षर बनवा लिया। पत्रकार को इस बात का जब पता चला तो उन्होंने चौकी पर जाकर पूछा क्या हम इतने बड़े अपराधी हैं तब पुलिस वालों ने कहा साहब हैं नहीं गलती से नाम चला गया। साहब के आते ही रिपोर्ट लगाकर खत्म कर दिया जाएगा। पत्रकार को लोकसभा चुनाव में आरोपी बनाए जाने से क्षेत्रीय पत्रकारों में रोष व्याप्त है। पत्रकारों ने बैठक कर कहा कि मुफ्तीगंज क्षेत्र में अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं उनको आरोपी बनाने की बजाय अब क्षेत्र के संभ्रांत नागरिकों और पत्रकारों को आरोपी बनाया जा रहा है। पुलिस के इसी रवैए से पुलिस अधीक्षक जहां आम नागरिकों को पुलिस के सम्मुख रहने की बात करते रहते हैं वही लोग पुलिस के पास से दूर भाग रहे हैं।
बता दे अभी पिछले माह भी डीजीपी लखनऊ ने एक सर्कुलर जारी करके कहा था कि लोकसभा चुनाव हो अथवा आमदिनों की बात किसी भी पत्रकार को या संभ्रांत नागरिक को शांतिभंग जैसे धाराओं में चालान नहीं किया जाए। लेकिन जौनपुर जनपद के पुलिस अधिकारियों पर डीजीपी के आदेशों का कोई असर दिखाई नहीं पड़ रहा है।
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