जौनपुर (25मार्च)। चंदवक थाना पुलिस ने रविवार की सुबह 10 हजार रूपए के ईनामियां और कई मामलों में वांछित अपराधी को चंदवक क्षेत्र के घुड़दौड़ के पास से गिरफ्तार करने और तलाशी में उसके पास से चोरी के तीन हजार रुपए, तमंचा दो कारतूस बरामद करने का दावा कर रही है। जबकि युवक को शनिवार की शाम रामपुर थाना के कृष्णा हास्पिटल के बाहर बुलाकर पूछताछ के लिए पुलिस उठाकर ले गई थी। सन्देश 24 न्यूज ने युवक को उठाकर ले जाने का समाचार शनिवार को ही चला चुका है। पुलिस कप्तान के निर्देशन में उनकी पुलिस कानून की किस तरह धज्जियां उड़ाई रही है यह तो केवल बानगी भर है। फिलहाल परिवारीजन इस फर्जी गिरफ्तारी को आनलाइन डीजीपी समेत मुख्यमंत्री से शिकायत कर चुका है। रामनरेश का भाई भाटे यादव ने बताया कि इस फर्जी गिरफ्तारी से पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी के कार्यशैली पर सन्देह हो रहा है कि कहीं तमंचे की फैक्ट्री तो नहीं खोल रखी है। इसके लिए मैं हाईकोर्ट तक जाऊंगा। अभी तो आनलाईन कर सूचना उच्चाधिकारियों को दे दिया है।
थानाध्यक्ष ओम नारायण सिंह और उनके सहयोगी पुलिसकर्मियों ने दावा किया है कि रविवार को मुखबिर की सूचना पर घुड़दौड़ के पास घेराबंदी कर राम नरेश यादव निवासी पुरे दयाल को गिरफ्तार कर लिया है। सीओ कार्यालय में रविवार पत्रकारों से वार्ता कर सीओ राम भवन यादव ने बताया कि गिरफ्तार राम नरेश यादव शातिर किस्म का अपराधी है उसके विरुद्ध केराकत सर्किल में सात आपराधिक मामले दर्ज है। केराकत कोतवाली पुलिस द्वारा उसके खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। इसका गैंग चोरी की घटनाओं को अंजाम देता है। गैंग के सदस्यों में शुभम सिंह निवासी बीरमपुर, विजय यादव निवासी पूरे दयाल, नितिन कुमार पांडे निवासी राघव रामपट्टी है। नितिन इस समय जेल में है। जबकि अन्य को फरार बताया गया है। पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान राम नरेश ने चोरी की कई घटना में शामिल होना स्वीकार किया है। आरोपित का चालान कर गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।
सवाल नंबर.1
सीओ साहब जब रामनरेश शातिर किस्म का अपराधी ही था तो गिरफ्तारी शनिवार में ही रामपुर थाने क्षेत्र से ही दिखा देते। कम से कम पुलिस पर जनता का विश्वास तो बना रहता और आपको फर्जी भी नहीं करना पड़ता।
सवाल नंबर 2
पुलिस को अगर तमंचा अपने पास से ही दिखाना तो चंदवक के बंद कमरे में दिखाने की क्या जरूरत थी शनिवार को रामपुर थाना क्षेत्र में जहां पकड़ा गया वहीं सरेआम तलाशी लेते और जनता को दिखा देते कि वास्तव में यह कम्पाउन्डर नहीं शातिर किस्म का अपराधी है। पुलिस के इस कारनामे से तो वास्तव में पुलिसिंग की धज्जियां उड़ रही है।
सवाल नंबर 3
पुलिस कप्तान दीवारों पर क्राइम कंट्रोल के लिए मोबाइल नंबर लिखवा रहे हैं कि लोग सूचित करें। ऐसे में आपका क्या भरोसा कि सूचित करने जाओ आप ही बदमाश बन जाओ और पुलिस कप्तान भी आपकी बातों को मानकर शाबाशी देते फिरे।
फिलहाल जो भी हो अगर कोई अपराधी है तो उसको सजा मिलनी चाहिए। सन्देश 24 न्यूज भी पुलिस के इस कार्रवाई को सलाम करता है कि देर ही सही, सही अपराधी को जेल भेजने में कोताही तो नहीं बरत रही है।