जनप्रतिनिधि समाज और देश के विकास में निभाए अपनी जिम्मेदारी
जौनपुर(24मार्च)। लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। समाज का हर व्यक्ति अपने संसाद का चुनाव करने के लिए मंथन शुरू कर दिया है। कुछ लोग व्यक्तिगत संबंध तो कुछ लोग पार्टी स्तर पर सांसद का चुनाव करना चाहते हैं। जनता ऐसा सांसद चाहती है जो बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ समाज और देश के विकास के लिए काम करें। इस संबंध में कुछ बुद्धिजीवीयों शिक्षकों से बात कर उनके विचारों को जाना गया और अपना विचार भी रखा।
1- पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रो. आशुतोष सिंह का कहना है कि हमारा सांसद ऐसा होना चाहिए जो जाति,धर्म, क्षेत्र जैसे परंपरागत मुद्दों के बजाय एक आदमी के रोजमर्रा के जीवन शैली को प्रभावित करने वाले कारकों रोटी, कपड़ा, मकान के साथ साथ स्वास्थ्य, शिक्षा,रोजगार मुहैया कराने के लिए सार्थक पहल करे। जनता इस उम्मीद के साथ सांसद का चुनाव करती है कि उसकी बुनियादी जरूरतें आसानी से पूरी हो सकेंगी।
2-गृहिणी पंकजा सिंह का कहना है कि हमारा सांसद ऐसा हो जो सबसे पहले समाज में महिला सुरक्षा के लिए पुख्ता व्यवस्था कर सके। देश में महिला सुरक्षा के नाम पर सिर्फ बयानबाजी होती है। वादा तो किया जाता है लेकिन उसका अनुपालन कराने में केवल खानापूर्ति की जाती है। महिलाएं आज भी घर से बाहर असुरक्षित हैं। हर व्यक्ति महिला सुरक्षा को लेकर चिंतित रहता है।
3–पूर्वांचल विश्वविद्यालय के शिक्षक डा. सुरजीत यादव का कहना है कि सांसदों को व्यक्तिगत हित से ऊपर उठकर राष्ट्र एवं समाज के निर्माण एवं विकास में अग्रणी भूमिका निभाना चाहिए। सांसदों को अपने क्षेत्र में शिक्षा चिकित्सा बिजली पानी इत्यादि सुविधाओं को विकसित करने के लिए हमेशा सार्थक पहल करनी चाहिए। सांसद ऐसे व्यक्तित्व का होना चाहिए जो समाज, देश के लिए प्रेरणा स्वरूप काम करें।
4- प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला संगठन मत्री अश्वनी कुमार सिंह का कहा कि सांसद ऐसा होना चाहिए जो सामाजिक समरसता बनाए रखने में सकारात्मक पहले करे। जाति-पाति व धर्म से ऊपर उठकर राष्ट्र के उत्थान में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करे। सांसद को सामाजिक सद्भाव, सामाजिक मूल्यों के संवाहक एवं संरक्षक के रूप में सदैव अग्रसर रहना चाहिए।
5- मड़ियाहूं बार एशोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि सांसद ऐसा हो कि जो बुनियादी सुविधाओं को स्वत: ध्यान में लेकर उन समस्याओं से रूबरू हो और निराकरण करें और जनप्रतिनिधि होने के नाते हमेशा जनता के बीच बने रहे गायब न हो।