•सात माह में सिर्फ 280 लाभार्थियों को मिला आयुष्मान योजना का लाभ
•इस योजना के तहत 1.86 लाख लाभार्थियों का किया गया है चयन
जौनपुर(16मार्च)। भारत सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना का संचालन धीमी गति से होने के कारण इसका लाभ चयनित लाभार्थियों को नहीं मिल पा रहा है। इस योजना को शुरू हुए करीब सात माह बीत गया है लेकिन अभी तक केवल 280 लाभार्थियों को इलाज की सुविधा मिल सकी है। काफी जद्दोजहद के बाद केवल आठ अस्पतालों को अभी तक जोड़ा जा सका है। निजी अस्पताल इस योजना के तहत जुड़ने को तैयार नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग की माने तो अधिकांश अस्पताल मानक पूरा नहीं करते जिसके कारण इन अस्पतालों का आयुष्मान योजना के लिए चयन नहीं किया जा सका है।
आयुष्मान योजना के तहत गरीब परिवारों को पांच लाख रूपये तक का निःशुल्क इलाज कराने की व्यवस्था की गई है। इस योजना में कुल 1.86 लाख लाभार्थियों का चयन किया गया है। विभाग की ओर से इन्हें गोल्डेन कार्ड बनाने का निर्देश दिया गया है। योजना की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2018 में किया था। करीब सात बीत जाने के बाद अभी तक केवल 54 हजार लोगों को गोल्डेन कार्ड बनाकर दिया गया है। 280 लाभार्थियों को इलाज की सुविधा अलग-अलग अस्पतालों में मिल सकी है। काफी मशक्कत के बाद अभी तक आठ अस्पातल इस योजना के संचालन के लिए चयनित किए जा सके हैं। जिसमें चार सरकारी और चार निजी अस्पातल हैं। जिन अस्पतालों का चयन किया गया है उनमें जिला अस्पताल के महिला और पुरुष अस्पताल, सीएचसी बदलापुर और केराकत शामिल है। इसी प्रकार चार निजी अस्पताल ईशा अस्पताल, सिद्धार्थ हास्पिटल कुंवरदास सेवा आश्रम, आशीर्वाद हास्पिटल शामिल हैं। तीन निजी अस्पताल इमपैंनल कराने की प्रक्रिया में हैं। इनका आवेदन आया है। अभी इनके मानक की जांच नहीं की गई है।
54 लोगों को ही मिला गोल्डेन कार्ड
विभागीय लापरवाही के कारण सात माह बीत जाने के बाद भी अभी तक केवल 54 लाभार्थियों को गोल्डेन कार्ड दिया जा सका है। गोल्डेन कार्ड़ नहीं बन पाने के कारण तमाम पात्र लाभार्थी इलाज के लिए भटक रहे हैं। हालत यह है कि गोल्डेन कार्ड बनाने के लिए सहज सेवा केंद्रों को भी निर्देश दिया गया है। बावजूद इसके गोल्डेन कार्ड नहीं बन पा रहा है।
डा. रामजी पांडेय सीएमओ जौनपुर ने कहा कि भारत सरकार कि महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना के लिए अभी तक करीब 54 हजार लोगों को गोल्डेन कार्ड बनाकर दिया गया है। गोल्डेन कार्ड बनाने की जिम्मेदारी सभी सहज जन सेवा केंद्रों के अलावा इस योजना के संचालन के लिए चयनित सभी अस्पतालों को दे दी गई है। चयनित लाभार्थी किसी भी अस्पताल से गोल्डेन बनवा सकते हैं। चार सरकारी और चार निजी अस्पतालों में इलाज की व्यवस्ता की गई है। और भी अस्पतालों के चयन की प्रक्रिया चल रही है।