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जौनपुर। जिले के टीबी अस्पताल में सिमट रही मरीजों की सुविधाएं, इलाज के नाम पर की जा रही है खानापूर्ति 

जौनपुर(12मार्च)। जिले के जगदीशपुर से डीएम आवास जाने वाली रोड पर टीबी अस्पताल में मरीजों का इलाज नहीं होता है। यहां इलाज के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं भी धीरे-धीरे सिमट रही है। 40 बेड में से महज 10 बेड की सुविधाएं ही मरीजों के लिए बची है। जबकि ब्लड सूगर, बलगम आदि की जांच के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। मरीजों को सभी सुविधाएं निःशुल्क मुहैया कराने का निर्देश भी दिया गया है। बावजूद इसके इलाज के नाम खानापूर्ति की जा रही है। इलाज के लिए अस्पताल में तीन चिकित्सकों की तैनाती की गई है। इलके बावजूद विगत रविवार की रात टीबी का एक किशोर मरीज की तड़प तड़प कर मौत हो गई। जिले में टीबी रोग से पीड़ित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है।


टीबी के इलाज के लिए 40 बेड के अस्पताल की स्थापना की गई है। अस्पताल में ओपीडी तो होती है लेकिन मरीज भर्ती नहीं किए जाते हैं। जबकि स्वास्थ्य विभाग का निर्देश है कि जो गंभीर मरीज हैं उनको भर्ती करके इलाज किया जाए। लेकिन अस्पताल में इलाज के नाम पर केवल ओपीडी ही होती है। मरीजों की जांच के लिए दवा और मशीनों के साथ अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। बावजूद इसके मरीजों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। इलाज के नाम पर केवल खाना पूर्ति की जा रही है। जिले में 4440 मरीज टीबी के पाजीटिव मिले हैं।

एडिसनल सीएमओ एवं प्रभारी डा. एससी वर्मा टीबी अस्पताल ने बताया कि टीबी के मरीजों के लिए जांच की सभी सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध हैं। हर रोज 50 से अधिक मरीजों की ओपीडी होती है। मरीजों के लिए पहले 40 बेड थे। लेकिन अब उनकी संख्या घटकर महज दस रह गई है। अस्पताल में आने वाले मरीजों को सभी सुविधाएं दी जाती हैं।

जिले में 4440 टीबी के मरीज हैं
टीबी के मरीजों को खोजने के लिए घर-घर तक चलाए गए जागरूकता अभियान के लिए अप्रैल 2018 से अब तक  कुल 33400 संभावित लोगों के सैंपल लिए गए थे। जिनके बलगम आदि की जांच कराने के बाद 4440 मरीज पाजीटिव मिले थे। विभाग की ओर चिन्हित किए गए इन मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

मरीजों की जांच करती है बाहरी एजेंसी
टीबी के इलाज के लिए अस्पताल में आने वाले मरीजों के लिए एक एजेंसी को जिम्मेदारी दी गई है। मरीजों के सूगर, ब्लड, बलगम आदि की जांच निःशुल्क की जाती है। अस्पताल से उन्हें उन्हें दवाएं भी दी जाती है।

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