जौनपुर(06मार्च)। शाहगंज सरस्वती शिशु मंदिर के पूर्व अध्यापक आरएसएस के पूर्व प्रचारक, वरिष्ठ समाजसेवी 73 वर्षीय अखिलेश चन्द्र जायसवाल (आचार्य जी) का निधन मंगलवार वाराणसी में इलाज के दौरान हो गया। खबर लगते ही नगर शोक में डूबा गया। पूरा नगर व आसपास के लोग आवास पर पहुंच गये। देर रात पार्थिव शरीर वाराणसी में घर लाया गया। शोक संवेदना प्रकट करने वालों का तांता लगा हुआ है। राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक संस्था समेत रामलीला समिति व्यापार मंडल की संस्था ने शोक व्यक्त किया है।
रामलीला भवन चौक निवासी अखिलेश चन्द्र जायसवाल (73) लगभग एक माह से बीमार थे। सरल सहज विनम्र व समाज के प्रति समर्पण के चलते लोगों को बेहद लोकप्रिय रहे। अपना पूरा जीवन समाज को समर्पित कर दिया। अखिलेश चन्द्र जायसवाल आचार्य जी के नाम से प्रसिद्ध रहे। आपात काल के दौरान नौतनवा मे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तीन वर्ष तक बतौर प्रचारक कार्यरत रहे। 1980 से 20 वर्षों से अधिक तक सरस्वती शिशु मंदिर में आचार्य के रूप में अपनी सेवा दी। अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गये। देहांत के चलते सरस्वती शिशु मंदिर व विद्या मंदिर में शोक सभा के उपरांत विद्यालय शोक में बंद कर दिया गया। अंतिम संस्कार जौनपुर स्थित रामघाट पर बुधवार को किया गया। मुखाग्नि बड़े पुत्र सर्वेश चन्द्र शास्त्री ने दिया।
शव यात्रा में जहां सरस्वती शिशु मंदिर का बैंड शोक धुन बजाते चलता वहीं किर्तन मंडली के लोग राम धुन गाते चलते रहें। पीछे पीछे परिजनों समेत पूरा कस्बा उमड़ा रहा। शोक संवेदना प्रकट करने वालों में प्रमुख रूप से गजानंद गिडवानी, अजीत आर्य, ओमप्रकाश जायसवाल, प्रेम नारायण जायसवाल, दिनेश चन्द्र जायसवाल, प्रदीप जायसवाल, डा राज कुमार मिश्र, अनील मोदनवाल, अजीत प्रजापति, दिवाकर मिश्र, राजेश सोनी, मनोज अग्रहरि, हरिश्चंद्र अग्रहरि, सुनील साहू आदि रहे।