जौनपुर। जिले की मड़ियाहूं तहसील में मंगलवार की दोपहर अचानक जिलाधिकारी के पहुंचने पर तहसील परिसर में अपराध अफरा तफरी का माहौल बन गया। डीएम को देखते ही कुछ अधिवक्ताओं ने एसडीएम कोर्ट की जमकर शिकायत किया इसके बाद पहुंचे एसडीएम ने डीएम को अधिवक्ताओं के बीच से हटाकर कार्यालय ले गए। शिकायत नहीं सुनने पर कुछ अधिवक्ताओं में नाराजगी रही।
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जिलाधिकारी दिनेश चंद्र मंगलवार की दोपहर 12:00 बजे मड़ियाहू तहसील में अचानक पहुंच गए। परिसर में सेतू निगम के अधिकारियों से बात कर रहे थे तभी अचानक वह अपनी गाड़ी से एसडीएम कार्यालय के सामने उतर पड़े जैसे ही एसडीएम कार्यालय के बारे में पूछा अधिवक्ताओं ने शिकायतों की झड़ी लगा दिया।
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बार एसोसिएशन के महामंत्री देवेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि 32/38 के मुकदमे का लगभग 2000 फाईले लंबित है। जिसमें डीएम ने आश्चर्य व्यक्त किया। उसके बाद महामंत्री ने कहा कि एसडीएम कुणाल गौरव मुकदमे की फर्देकाम को भी नहीं लिखते हैं सीधे मुकदमे का आदेश करते हैं। वही एक अधिवक्ता नहीं बताया कि एसडीएम का कोर्ट करने का कोई समय निर्धारित नहीं है जब चाहते हैं तब कोर्ट पर बैठ जाते हैं और बिना पर्दे काम लिखे आदेश करना शुरू कर देते हैं। अभी अधिवक्ता लगातार शिकायतों की झड़ी लगाए हुए थे कि उप जिलाधिकारी मड़ियाहू कुणाल गौरव भी पहुंच गए तुरंत अधिवक्ताओं से बचाते हुए उन्हें अपने कार्यालय की तरफ ले गए लेकिन अधिवक्ताओं की मनसा भांपकर जिलाधिकारी ने कहा कि हम एसडीएम कोर्ट की जांच करेंगे मेरे साथ केवल बार एसोसिएशन के महामंत्री और अध्यक्ष रहेंगे। मीडिया कर्मी को बाहर कर दो इन्हें निरीक्षण के बाद प्रेस विज्ञप्ति पहुंचा दिया जाएगा।
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उसके बाद महामंत्री एवं अध्यक्ष को लेकर आधा घंटे तक कोर्ट रूम में दरवाजा बंद कर बात करते रहें जब निकले तो जिलाधिकारी दिनेश चंद्र पत्रकारों से कहा कि हमने जांच कर लिया है 4 महीने में निस्तारण सभी शिकायतों का कर दिया जाएगा जो शिकायतों का निस्तारण नहीं होगा उसके बाद कार्रवाई करेंगे। वादकारियों ने कहा कि खतौनी में ज्यादा पैसा लिया जाता है लेकिन जिलाधिकारी ने अधिवक्ताओं की बात को अनसुनी कर चलते बने। जिलाधिकारी मड़ियाहूं तहसील के अधिवक्ताओं की कोई भी शिकायत सुनना नहीं चाहे बल्कि हर शिकायतों को अनसुनी करते चले गए। जिसके कारण उपस्थित वादकारियों ने कहा कि ऐसे जिलाधिकारी की जनपद को जरूरत है जो किसी की भी शिकायत नहीं सुने बल्कि अधिकारियों का पक्षधर बना रहे।