जौनपुर। जफराबाद क्षेत्र स्थित जमैथा गांव के प्राचीन ठाकुरबाड़ी मंदिर से बुधवार रात चोरों ने भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की अष्टधातु की मूर्तियां चोरी कर लीं। जिसकी कीमत लगभग करोड़ों में बताई जा रही है, चोरी की इस घटना से पूरे गांव में हड़कंप मच गया है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। हालांकि अभी तक 5 दिन बीत चुके है उसके बाद भी अभी तक पुलिस हाथ खाली है, जहां पर चोरी की घटना पर अंकुश लगाने में विफल है, आये दिन कहीं न कही क्षेत्र में चोरी घटना घट रही है लेकिन पुलिस चोरों की पकड़ से काफी दूर है, इस विषय पर जफराबाद थाना प्रभारी जय प्रकाश यादव का कहना है कि हर पहलू पर जांच की जा रही है जल्द से जल्द चोर पुलिस की पकड़ में आ जायेंगे, अब ये देखना है कि कब तक पुलिस करोड़ो रूपये की मूर्ति चोरी करने वाले चोर पुलिस की पकड़ में आते है,
यह था पूरा मामला
गुरुवार सुबह जब मंदिर पहुंचे एक युवक ने मूर्तियों को गायब पाया, तो उसने तुरंत पुजारी और ग्रामीणों को सूचना दी। देखते ही देखते गांव के लोग मंदिर पर इकट्ठा हो गए और आक्रोशित हो उठे।
पुजारी की नियुक्ति के बाद भी सुरक्षा में चूक हाल ही में गांव के लोगों ने चंदा इकट्ठा कर मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था और मजबूत दरवाजे भी लगवाए थे। दस दिन पहले ही दिवाकर तिवारी को पुजारी नियुक्त किया गया था, जो मंदिर के पास ही स्थित एक कमरे में सो रहे थे। चोर रात में गेट का ताला तोड़कर मूर्तियों को रात को चोर आकर गेट का ताला तोड़कर मूर्तियों को जगह से उखाड़ कर ले गए।
सुबह युवक मंदिर पहुंचा
सुबह गांव का एक युवक मंदिर पर पहुंचा। वहां पर मंदिर से मूर्तियां गायब देख कर पुजारी को जगाया। उसके बाद बस्ती के लोग मंदिर पर आ गए। उन्होंने घटना की सूचना पुलिस को दिया। इस विषय पर थानाप्रभारी जफराबाद जयप्रकाश यादव मय फोर्स मौके पर पहुंच गए। उन्होंने घटना को लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दी थी,
30 साल पहले चोरी की गई इन्ही मूर्तियों को जफराबाद पुलिस ने किया था बरामद।
ठाकुरबाड़ी मंदिर से लक्ष्मी विष्णु की मूर्तियां आज से 30 वर्ष पहले भी चोरी हो गई थी उस समय क्षेत्रीय लोगों ने जफराबाद थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया था। छानबीन के दौरान मूर्तियां उस समय क्षेत्र के गेहूं के खेत बरामद की गई थी तथा बरामदगी के बाद पुलिस ने उन मूर्तियों को उक्त मंदिर में स्थापित करवाया था। प्रधान अमरसेन ने बताते हैं कि प्राचीनकाल से स्थापित इस मंदिर हालत काफी जर्जर हो गयी थी। गांव के लोगों ने चंदा जमा करके मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया।मूर्तियों की सुरक्षा के लिए मजबूत दरवाजे लगवा दिया था।मंदिर में कोई पुजारी नही था।गांव के लोग दस दिन पहले बक्सा क्षेत्र के लेदुका निवासी दिवाकर तिवारी को पुजारी रख दिया था।