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जौनपुर। नहीं झुके एसडीएम मड़ियाहूं, अधिवक्ताओं को ही हटना पड़ा पीछे

जौनपुर। जिले के मडियाहू तहसील में एक अधिवक्ता द्वारा कर्मचारी पर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाने के बावजूद उपजिलाधिकारी मड़ियाहूं कर्मचारी के पक्ष में ही खड़े रहे बल्कि अधिवक्ताओं को ही पीछे हटना पड़ा। एसडीएम के इस कार्रवाई से तहसील के कुछ अधिकारी ने एसडीएम को बधाई दिया है और कहा है ऐसे अधिकारी की तहसील में जरूरत है जो कर्मचारी हित की बात करें।
एक हफ्ते पूर्व उप जिलाधिकारी मड़ियाहूं कार्यालय में तैनात एक कर्मचारी और एक जूनियर अधिवक्ता के बीच किसी बात को लेकर कहा सुनी हो गई जूनियर अधिवक्ता ने तहसील बार एसोसिएशन को पत्र लिखकर अवगत कराया की एसडीएम का कर्मचारी आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया है। इसके बाद अधिवक्ताओं ने कर्मचारी के विरुद्ध लामबंद होते हुए एससी एसटी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के लिए स्थानीय कोतवाली से लेकर क्षेत्राधिकारी महोदय तक प्रार्थना पत्र देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग किया। क्योंकि उपजिलाधिकारी कार्यालय का मामला था इसलिए प्रशासन ने इसकी शिकायत उप जिलाधिकारी कुणाल गौरव से किया। बताते हैं कि एसडीएम ने कर्मचारी के पक्ष में बात करते हुए कहा कि हमारा कर्मचारी पूरी तरह सही है कोई अपशब्दों का प्रयोग नहीं हुआ है इसलिए मुकदमा बिना सही जांच के दर्ज करना न्यायोचित नहीं है, हम अधिवक्ताओं से बात करते हैं, प्रशासन की करवाई वहीं रुक गई।
एसडीएम ने तहसील के पांच अधिवक्ताओं के पैनल को बुलवाया जिसमें पूर्व अध्यक्ष मोहनलाल यादव कृष्ण कुमार सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्रेश यादव, राकेश गौतम, वर्तमान तहसील अध्यक्ष सूर्यमणि यादव तहसील प्रांगण में बने उनके आवास पर गए। बताया जाता है कि 1 घंटे तक चली वार्ता के बीच उप जिलाधिकारी मड़ियाहूं अपने कर्मचारी के पक्ष में खड़े रहे। वही अधिवक्ता राकेश गौतम कर्मचारी से माफी मंगवाने और उनका पटल बदलने की मांग करते रहे लेकिन उप जिलाधिकारी कुणाल गौरव ने कहा की न्याय हित में कर्मचारी को एक ही दंड मिलेगा या तो माफी मांगेगा या तो उसका पटल बदला जाएगा। लेकिन पीड़ित अधिवक्ता के पक्ष से पैरवी कर रहे राकेश गौतम नहीं माने और माफी मंगवाने के लिए खड़े रहे जिसके कारण उस दिन बात नहीं बन पाई। दो दिनों तक तहसील में गहमागहमी का माहौल बना रहा। एसडीएम द्वारा अपनी बातों पर डटे रहने के कारण खुद अधिवक्ताओं ने ही अपना पैर पीछे कर लिया जिसके कारण पीड़ित अधिवक्ता अकेले रह गया और कर्मचारी पर मुकदमा दर्ज कराने का अरमान, अरमान ही रह गया। अधिवक्ताओं का इज्जत तार तार होता देख तहसील बार के महामंत्री ने बुधवार को एक बार फिर हड़ताल करवा दिया जिसमें शर्त रखा गया कि अगर माफी कर्मचारी नहीं मांगेगा तो उसका पटल बदलकर अधिवक्ताओं को अवगत कराया जाए। बुधवार की देर अपराहन उपजिला अधिकारी ने कर्मचारी का पटल बदलते हुए पत्र जारी किया कि *जनहित को देखते हुए प्रशासनिक कार्यों को ससमय संपादित किए जाने हेतु वरिष्ठ सहायक को न्यायालय उपजिलाधिकारी प्रशासनिक/न्यायिक मड़ियाहूं से संबद्धता समाप्त की जाती है उपरोक्त सहायक पूर्व की भांति अपने पद पर कार्य संपादित करेंगे यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हुआ।* पत्र मिलते ही वरिष्ठ सहायक के ऊपर मुकदमा के लिए आतुर अधिवक्ताओं ने अपने हड़ताल को वापस ले लिया।  

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