जौनपुर। मड़ियाहू तहसील में बुधवार की अपराह्न उपजिलाधिकारी न्यायालय चलाने को लेकर अधिवक्ताओं ने जमकर हंगामा मचाते हुए नारेबाजी किया। नारेबाजी को देखते हुए एसडीएम ने पुलिस फोर्स बुलाकर न्यायालय चलाने का प्रयास किया लेकिन विफल रहे। अधिवक्ताओं का गुस्सा उस समय तब बढ़ गया जब उपजिलाधिकारी ने कहा कि हमारे सरकारी आवास पर केवल पांच अधिवक्ता आकर मामले का निस्तारण कर लें, उपजिलाधिकारी के द्वारा पांच अधिवक्ताओं को बुलाने पर बाकी अधिवक्ताओं का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया।
मड़ियाहूं तहसील में कुछ अधिवक्ताओं का मानना है की पांच अधिवक्ता ही तहसील के तारण हार हैं। वही जो चाहेंगे होगा, वही अभी तक हो भी रहा था। आगे भी होने का दावा किया जा रहा है। लेकिन बुधवार को कर्मचारी का पटल बदलने की मामला ने अलग ही तूल पकड़ लिया और उन पांच अधिवक्ताओं का एक भी नहीं चल सकी। अंत में एसडीएम कुणाल गौरव को पटल बदलने का पत्र लिखकर अध्यक्ष सुर्यमणि यादव के निगरानी में महामंत्री देवेंद्र त्रिपाठी को सौंपना पड़ा।
बता दे की एसडीएम कार्यालय में एक कर्मचारी के खिलाफ पटल बदलने को लेकर चार दिनों से गहमागहमी का माहौल बना हुआ है जिसको लेकर अधिवक्ता हड़ताल पर है। बुधवार को भी कर्मचारी का पटल नहीं बदलने का आरोप लगाते हुए अधिवक्ता हड़ताल पर चले गए। अपराह्न 1:00 बजे एसडीएम कुणाल गौरव न्यायालय पर पहुंचकर मुकदमें की पुकार कराने लगे इसके बाद कुछ अधिवक्ताओं ने पहुंचकर न्यायालय चलाने का विरोध करते हुए नारेबाजी करने लगे। मामला बिगड़ता देख एसडीएम ने क्षेत्राधिकारी विवेक सिंह को सूचित कर कोतवाली से फोर्स बुला लिया। पुलिस फोर्स को देखते ही अधिवक्ताओं का आक्रोश और बढ़ गया बचे कुछ अधिवक्ता भी उप जिलाधिकारी कोर्ट के सामने पहुंचकर हंगामा मचाना शुरू कर दिया उसके बाद तहसील अध्यक्ष सूर्यमणि यादव, महामंत्री देवेंद्र त्रिपाठी, पूर्व अध्यक्ष मोहन लाल यादव, कृष्ण कुमार सिंह और वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्रेश यादव न्यायालय नहीं चलाने का अनुरोध किया। कहा कि अधिवक्ताओं की मांग की पहले कर्मचारी का पटल चेंज कर अवगत करा दें उसके बाद न्यायालय चलाने का कार्य करें लेकिन एसडीएम न्यायालय चलाने पर अड़े रहे। उधर बाहर खड़े बाकी अधिवक्ता आक्रोशित होकर नारेबाजी करने लगे। जिसके बाद एसडीएम ने कहा कि अध्यक्ष समेत पांच अधिवक्ता आकर हमारे आवास पर वार्ता कर लें। इसके बाद एक बार फिर अधिवक्ता गर्म हो गए कि क्या केवल पांच अधिवक्ता ही सारे कार्यवाही का निर्णय करेंगे। आधे घंटे तक अधिवक्ताओं में मच-मच होता रहा और तहसील प्रांगण दंगल का प्रांगण बना रहा। कुछ देर बाद तहसील अध्यक्ष सुर्यमणि यादव और महामंत्री देवेंद्र त्रिपाठी उप जिलाधिकारी से मिलकर बातचीत किया उपजिलाधिकारी ने कर्मचारी की पटल को बदल देने का पत्र दिया तब जाकर मामला शांत हुआ।