जौनपुर। जिले के मड़ियाहू तहसील के उपजिलाधिकारी की पहली बार दरियादिली की चर्चा अधिवक्ताओं में तब होने लगी जब वह एक विकलांग बच्चे को देखकर उसके ऊपर दरियादिली दिखाते हुए अपने पैसे से खुद प्रमाण पत्र बनवाने का आश्वासन देकर उसे घर भेज दिया है। अब उपजिलाधिकारी द्वारा विकलांग को प्रमाण पत्र मिलेगा अथवा नहीं यह भविष्य की बात है लेकिन उप जिलाधिकारी के द्वारा कही गई बात से परिजन संतुष्ट दिखे।
बरसठी थाना क्षेत्र के बघनरी गांव निवासी रामसनेही अपने विकलांग बेटे धर्मेंद्र को लेकर आधार कार्ड बनवाने के लिए आधार सेंटर का बीते एक हफ्ते से चक्कर लगा रहा हैं, आधार कार्ड सेंटर प्रभारी उसे जन्म प्रमाण पत्र बनाकर लाने के बाद ही आधार कार्ड बनाने की बात कह रहा है। इसके बाद वह आज तहसील पहुंचकर उप जिलाधिकारी कार्यालय के सामने पेड़ की छांव में दरख्वास्त लेकर विकलांग बेटे के साथ पिता खड़ा था तभी उप जिलाधिकारी मडियाहूं कुणाल गौरव न्यायिक महिला उपजिलाधिकारी के साथ अपने आवास की तरफ जा रहे थे कि उनकी निगाह विकलांग बच्चों के ऊपर गई उन्होंने तुरंत रुक कर दरियादिली दिखाते हुए पिता रामसनेही से तहसील आने का कारण पूछा इसके बाद पिता ने बच्चों का आधार कार्ड बिना जन्म प्रमाण पत्र के नहीं बनने की बात कही जिस पर उप जिलाधिकारी ने कहा कि आप लोग दरखास्त मुझे दे दो मैं अपने पैसे से जन्म प्रमाण पत्र बनवाकर दे दूंगा और घर जाओ। इसके बाद उप जिला अधिकारी के दरियादिली से आधार कार्ड के लिए परेशान हाल पिता के आंखों में खुशी के आंसू टपकने लगा, जैसे मानो आकाश से चांद खुद ब खुद उसके हाथ में आ गया हो। वहां आसपास खड़े अधिवक्ताओं ने एसडीएम कुणाल गौरव की दरियादिली को देखकर कहा कि जब से उनकी तैनाती हुई है तब से यह पहली घटना है की उपजिलाधिकारी ने किसी विकलांग बच्चे के साथ दरियादिली का कार्य किया है जो बधाई के पात्र हैं।
फिलहाल एसडीएम के इस कार्रवाई से विकलांग बच्चों के परिजन को जन्म प्रमाण पत्र मिले अथवा ना मिले परिजन खुशी से झूम उठे और तहसील प्रांगण छोड़कर इस आशा के साथ घर चले गए हैं की अब प्रमाण पत्र मुझे मिल जाएगा और बच्चे का आधार कार्ड भी बन जाएगा।