मो.आरिफ खान संपादक की रिपोर्ट
जौनपुर। जिले के मड़ियाहू नगर में महतवाना ताजिया चौक कमेटी एवं विभिन्न अखाड़ों द्वारा 10वीं मोहर्रम पर इमाम हुसैन की शहादत पर उनके प्रतीक के रूप में ताजिया लेकर नारे तकबीर अल्लाह हू अकबर, कर्बला दूर है जाना मंजूर है के गगनचुम्बी नारों के साथ देर रात कर्बला पहुंचकर दफन किया।
मड़ियाहूं नगर में मुहर्रम की 10वीं तारीख को हुसैन की शहादत की याद में गम और शोक के प्रतीक के तौर पर जुलूस के रूप में ताजिया निकाला गया। महतवाना चौक ताजिया कमेटी के सरपरस्त कमाल अख्तर फारूकी के नेतृत्व में ताजिया स्थापित स्थल पर कुरानखानी पढ़े जाने के बाद वहां से उठायी गई मिट्टी को कर्बला में डालने के लिए जुलूस करीब 2:00 बजे रवाना हुआ। जुलुस ढोल नगाड़ों की थापों से पूरा नगर गूंजायमान हो रहा था। धीरे-धीरे जुलूस गोला बाजार होते हुए रास्ते दर रास्ते प्रशिक्षित युवको द्वारा लकड़ी का प्रदर्शन करते हुए जुलूस आगे बढ़ता गया और करीब साढे पांच बजे कर्बला पर पहुंचकर मिट्टी डालकर ताजिया को ठंडा किया गया और इसी के साथ त्यौहार का समापन हुआ।
किसकी याद में निकाला जाता है ताजिया।
1400 साल पहले मुहर्रम के महीने की 10 तारीख को ही पैगम्बर मोहम्मद के नाती इमाम हुसैन समेत 72 साथियों को शहीद किया गया था. उसी गम में मुहर्रम की 10वीं तारीख को ताजिए निकाले जाते हैं. इस दिन शिया समुदाय के लोग मातम करते हैं. मजलिस पढ़ते हैं, काले रंग के कपड़े पहनकर शोक मनाते हैं। यह गम और शोक का त्यौहार होता है।
ग्रामीणांचल में ताजिया कैसे निकाला गया।
ग्रामीणांचल के जमालापुर, रामपुर, बरसठी, गोपालपुर, सुरेरी में भी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पैगंबर मोहम्मद के नाती इमाम हुसैन की याद में ताजिया निकल कर कर्बला पर पहुंचकर ताजिया ठंडा किया। इस दौरान सिरौली में ताजिया को लेकर मामले मारपीट भी हुई जिसमें तीन लोग घायल भी हुए फिलहाल पहुंची पुलिस ने सभी को ले जाकर मेडिकल मुआयना कराकर कानूनी कार्रवाई में जुटी हुई है।