जौनपुर। मछलीशहर लोकसभा की इंडिया गठबंधन से समाजवादी प्रत्याशी प्रिया सरोज के कार्यालय उद्घाटन में कार्यकर्ताओं का असंतोष जमकर उजागर होता दिखाई पड़ा। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि जब अभी कार्यकर्ताओं को भीषण गर्मी में सादे पानी की आवश्यकता पूर्ति नहीं हो रही है तो जनसंपर्क के दौरान कार्यकर्ताओं की क्या हालत होगी। यहां तक की कार्यकर्ताओं ने मछलीशहर सपा विधायक के कार्यालय उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होने पर तरह-तरह की बातें करते रहे। जिससे कार्यकर्ता असंतोष के साथ मायूस भी देखे गए।
सोमवार की शाम 4:00 बजे समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी प्रिया सरोज का मडियाहूं नगर के पावर हाउस के सामने चुनावी कार्यालय उद्घाटन हुआ।
चुनावी कार्यालय में कार्यकर्ता बोतल की पानी से रहे दूर, वही सपा विधायक और रागिनी सोनकर की नहीं पहुंचने से कार्यकर्ताओं में रहा असंतोष। कार्यकर्ताओं ने कहा सुषमा पटेल पूर्व विधायक श्रीमती श्रद्धा यादव को नहीं बुलाई थी जिसके कारण हार की मुंह खानी पड़ी वही प्रिया सरोज भी दोहरा रही है कहानी।
इस दौरान लोकसभा प्रभारी कैलाश नाथ यादव सह प्रभारी जय हिंद यादव समेत जिले के आला पदाधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम 3 घंटे तक चला। इस दौरान तकरीबन कार्यालय पर 300 से अधिक लोग कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी के रूप में मौजूद रहे। लेकिन अंदर खाने की माना जाए तो कार्यकर्ताओं को पीने का पानी गिन गिन कर पहुंचाया जा रहा था यह बोतल पानी ठीक मंच के पीछे चुरा कर रखा गया था। फिलहाल आरो का 20 लीटर का गैलन पानी बाहर लगाया गया था लेकिन कार्यकर्ता उससे संतुष्ट नहीं थे जो पानी बोतल का दिया जा रहा था वह कुछ खास लोगों को दिया जा रहा था, जिसे कुछ कार्यकर्ताओं को नागवार गुजर रहा था। कार्यकर्ताओं ने कहा कि पूर्व सांसद तूफानी सरोज जब हम सभी को पानी नहीं पिला सकते तो हम लोग इनके लिए भीषण गर्मी में वोट मांगने जन सम्पर्क में कैसे जाएंगे। वहीं कुछ कार्यकर्ता मछलीशहर की सपा विधायक रागिनी सोनकर के नहीं आने से खपा दिखाई पड़े। माना जा रहा है कि प्रत्याशी प्रिया सरोज द्वारा रागिनी सोनकर को जनता के सामने नहीं बुलाना कहीं हार का कारण न बन जाए।
प्रिया सरोज की हार के कारण बताते हुए कार्यकर्ताओं ने दलील भी दिया कि जब विधानसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी सुषमा पटेल चुनाव लड़ रही थी तो उनकी औरत होने की अहम ने पूर्व विधायक श्रीमती श्रद्धा यादव को नहीं पूछा था। कार्यकर्ताओं का मानना है कि अगर श्रद्धा यादव के पास 1500 लोगों की जमात होगी तो उतनी ही वोट रही होगी, पूर्व विधायक को चाहने वाले वह वोट सुषमा पटेल की झोली में नहीं डाली जिसका परिणाम रहा सुषमा पटेल को हार का मुंह खानी पड़ी और बाद में वह भाजपा में चली गई। वही कार्यकर्ताओं का मानना है की क्या रागिनी सोनकर के पास 2000 भी वोट नहीं होगा अगर रागिनी सोनकर नहीं आती है तो यह सपा के लिए नुकसानदायक होगा जो प्रिया सरोज के लिए पैर में शूल का काम करेगी। और कहीं वह भी हार का स्वाद न चख जाए।
फिलहाल सपा कार्यकर्ताओं का माना जाए तो सपा प्रत्याशी प्रिया सरोज के लिए यह चुनाव का डगर अभी काफी कठिन है। कार्यकर्ताओं की नाराजगी का प्रमाण कार्यालय उद्घाटन के बाद खुलकर देखने को मिला। सपा प्रत्याशी प्रिया सरोज के द्वारा मड़ियाहूं नगर भ्रमण के लिए यह रोष तुरंत दिखाई पड़ गया कार्यालय उद्घाटन के समय जितना कार्यकर्ताओं की भीड़ मौजूद रही वह नगर भ्रमण की दौरान 50 लोगों में सीमट कर रह गई। सपा विधानसभा अध्यक्ष रामू मौर्य के द्वारा कार्यकर्ताओं से बार-बार अनुरोध करने के बाद भी कार्यकर्ता धीरे-धीरे कार्यालय से गायब हो गए और नगर भ्रमण में जाने के लिए गुरेज करते रहे।