जौनपुर। जिले की मडियाहू तहसील में 6 दिनों से चल रही भ्रष्टाचार को खत्म करने की अभियान में शुक्रवार को अधिवक्ताओं ने तहसीलदार के खिलाफ जमकर उग्र प्रदर्शन किया। अधिवक्ताओं ने अभी तक तहसील अधिकारियों एवं कर्मचारी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे लेकिन अचानक अधिवक्ताओं ने करवट बदलते हुए तहसीलदार के खिलाफ जमकर मुर्दाबाद के नारे लगाए। अधिवक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि जब तक तहसीलदार तहसील छोड़कर नहीं जाते तब तक यह प्रदर्शन अनवरत जारी रहेगा। फिलहाल अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी से प्रकरण के संदर्भ में मिलकर अवगत कराने की बात कही है।
मड़ियाहू तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंह के नेतृत्व में शुक्रवार को भी तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं फाइलों की निस्तारण में हीला हवाली को लेकर चलाए जा रहे सांकेतिक हड़ताल एवं प्रदर्शन को दो दिनों तक और आगे बढ़ाते हुए तहसील परिसर में अधिवक्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। अधिवक्ता तहसील कार्यालय के सामने एक सभा कर रहे थे तभी एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने पहुंचकर अधिवक्ताओं से साधारण सभा की बैठक कर हर बात अवगत कराने की बात कही इसी बात को लेकर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष से कहा सुनी हो गई। इसके बाद बाकी अधिवक्ताओं में आक्रोश व्यक्त हो गया और तुरंत प्रदर्शन का रुख बदल गया अधिवक्ताओं ने तहसीलदार को भ्रष्टाचार में लिप्त होने की बात कहते हुए उनके खिलाफ जमकर मुर्दाबाद के नारे लगाएं।
अधिवक्ताओं ने दोबारा सभा कर तहसीलदार के कथनी और करनी को उजागर किया। जिसमें वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व बार एसोसिएशन मड़ियाहूं के अध्यक्ष सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि तहसीलदार साहब बेलगाम हो गए ऐसा लगता है कि अब सीधे सुविधा शुल्क लेकर ही काम करेंगे क्योंकि अपने कार्यालय के सामने उन्होंने खुद लिखित आदेश लगाकर सबूत दे दिया है कि बिना सुविधा शुल्क के हम कोई काम नहीं करेंगे। पूर्व अध्यक्ष ने यहां तक कह डाला कि उनके भ्रष्टाचार की जांच इनके जमीन जायदाद से शुरू की जाय और आय से अधिक संपत्ति की जांच करवानी चाहिए जिससे उनकी भ्रष्टाचार की पोल खुल जाएं।
वरिष्ठ अधिकता चंद्रेश यादव ने कहा कि तहसील में जो भ्रष्टाचार हो रहा है वह गलत हो रहा है यह हड़ताल अब अनवरत चलता रहेगा।
वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष कुमार सिंह ने कहा कि जब हमने अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ पत्रक देने तहसीलदार कार्यालय गया तो वहां भी तहसीलदार कानून की नैसर्गिक बात ना करके ऐसी बात कर रहे थे जो भ्रष्टाचार को उजागर कर रही थी। संतोष कुमार सिंह ने बताया कि तहसीलदार ने कहा कि मैं दफा 34 के मुकदमे में आए आपत्ति को कोर्ट पर ही निस्तारण करूंगा। जिस पर हमने विरोध किया और कहा कि दफा 34 में यह कहां लिखा गया है कि आप आपत्ति नहीं लेगे और न्यायालय पर ही तुरंत निस्तारित करेंगे। हमने कानूनी तरीके से तहसीलदार को बताया आपत्ति के लिए पहले अधिवक्ता अवसर मांगता है। उसके बाद वहां आपत्ति का अवसर दिया जाएगा। अधिवक्ता आपत्ति तैयार करेगा तब विस्तृत आपत्ति दाखिल करेगा और जब फाइल विवादित हो जाएगी तब दोनों पक्षों की बात सुनकर विधि सम्मत ढंग से तहसीलदार द्वारा निर्णय किया जाएगा। इसके विपरीत किया गया निर्णय विधि पूर्ण निर्णय नहीं होगा। लेकिन तहसीलदार महोदय अपनी बात पर अड़े रहे। इसी तरह कई अधिवक्ताओं ने तहसीलदार कार्यालय के भ्रष्टाचार को उजागर किया।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंह ने कहा कि यह एशोसिएशन तब तक हड़ताल करता रहेगा जब तक तहसीलदार का मड़ियाहू तहसील से ट्रांसफर नहीं हो जाता। इसके लिए उन्होंने कहा कि सोमवार को एक अधिवक्ताओं का पैनल जिलाधिकारी जौनपुर से मिलकर तहसीलदार एवं उपजिलाधिकारी के कार्यों एवं भ्रष्टाचार की जानकारी देगा। उसके बाद अगर ट्रांसफर नहीं होता है तो यह अधिवक्ताओं का हड़ताल अनवरत जारी कर दिया जाएगा।
इस मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक उपाध्याय, महेंद्र सिंह, महेंद्र यादव, शेषमणि यादव, रामू मौर्य, इंद्रजीत भारती, विजय गौतम, राकेश कुमार गौतम, गुलाब दुबे, अभयराज सिंह, राम आसरे यादव, केवल यादव, कमलेश यादव, सुरेंद्र नाथ यादव, बी एल यादव, सुशांत यादव, चंद्र मोहन मिश्रा, देवेंद्र त्रिपाठी, बंसराज मिश्रा, रामप्यारे मौर्या, नागेंद्र यादव समेत बहुत से अधिवक्ता प्रदर्शन में भाग लेकर भ्रष्टाचार खत्म करने का समर्थन किया।