नई दिल्ली(15फर.)। प्रदेश और देश में 16 साल यानी नाबालिग नौजवानों के भी वैध तरीके से ड्राइविंग लाइसेंस जारी हो सकेगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1989 में संशोधन कर दिया है। इस आशय के प्रस्ताव को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को मंजूरी मिल गई है।
बताया जा रहा है कि अगले कुछ दिन में अब इस आशय की अधिसूचना सूचना भी प्रकाशित हो जाएगी। उसके बाद इसे पूरे भारत में लागू कर दिया जाएगा। देश के मौजूदा कानून के मुताबिक 18 साल पूरा किए बिना कोई भी व्यक्ति मोटर वाहन नहीं चला सकता लेकिन बाजार में कम क्षमता वाले गीयरलेस, इलेक्ट्रिक स्कूटर, और ई-बाइक के आने के बाद 16 से 18 साल तक उम्र के व्यक्तियों को भी लाइसेंस देने की मांग उठने लगी थी। इसे देखते हुए मंत्रालय ने तय किया कि 16 साल पूरे कर चुके नौजवानों को भी लाइसेंस दे दिया सकता है, बशर्ते वे चार किलोवाट क्षमता वाले स्कूटर, बाइक चला सकते हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने 13 सितंबर 2018 को इस नियम को प्रकाशित कर सम्बन्धित हितधारकों की प्रतिक्रिया मांगी गयी थी और इस पर राय भी मिल चुकी है। कुछ संशोधन कर अंतिम रुप भी दिया जा चुका है। बताते हैं कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री की भी सहमति मिल चुकी है।
16 साल के नाबालिक को देनी होगी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए परीक्षा
नाबालिक किशोर अगर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाते हैं तो वह केवल गीयरलेस ही स्कूटर, इलेक्ट्रिक बाइक चला सकते हैं। इसके लिए उनसे ड्राइविंग लाइसेंस देते समय सड़क के नियमों चिन्हों और सम्बन्धित अन्य सवाल भी पूछे जाएंगे। जो परीक्षा के रूप में उनको पास करना पड़ेगा। तब जाकर ड्राइविंग लाइसेंस उन्हें मिलेगा।
नाबालिक किशोर कौन सी गाड़ी चला सकते है।
लाइसेंस धारक ऐसी स्कूटर या बाइक चला पाएंगे जिसकी अधिकतम रफ्तार 70 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। वाहन की अधिकतम क्षमता 4 किलोवाट तक ही होगी।