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जौनपुर। सुरेश की मौत, गिरीश पर हमले में लीपापोती की देन तो नहीं है हत्या

जौनपुर। उमेश सेठ की गोली मारकर हत्या और आभूषण से भरे बैग की लूट को पुलिस भले ही लूट के इरादे से हत्या मान रही हो, लेकिन परिवार के लोग इसमें पुलिस की लापरवाही और पूर्व में हुई घटनाओं में लीपापोती को मानते हैं। करीब तीन साल पहले ही उमेश के एक भाई की संदिग्ध हाल में शव मिला था। उन्हें चोट भी लगी थी। करीब सात साल पहले एक और भाई को गोली मारी गई थी, हालांकि उनकी जान बच गई।

घटना के बाद फतेहगंज बाजार में जुटी भीड़ के बीच उमेश के परिजन चिल्ला चिल्ला कर कह रहे थे कि पहले हुई घटनाओं में लीपापोती, आरोपियों पर कोई कार्रवाई न होने की वजह से ही आज इस तरह की घटना हुई। परिवार के लोगों ने बताया कि उमेश छह भाइयों में तीसरे नंबर के थे। सबसे बड़े सतीश, गिरीश तब उमेश थे। उसके बाद सुरेश, महेश और निलेश हैं। इसमें तीन साल पहले यानी 14 नवंबर 2020 को सुरेश सेठ का शव ईंट भट्ठा के पास मिला था। परिवार का दावा है कि उनके शरीर में चोट के निशान भी थे। बावजूद इसके पुलिस कुछ नहीं की। कोई जांच, पड़ताल या कार्रवाई नहीं हुई। इसी तरह करीब सात साल पहले उमेश के भाई गिरीश को भी गोली मारी गई थी। वह घायल हुए थे। उस मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

10 किमी दूर है थाना, बाजार में नहीं है कोई चौकी

जिस स्थान पर गोली मारकर सराफा व्यवसायी की हत्या की गई है उस स्थान से करीब 10 किमी की दूरी पर थाना है। बड़ी बात तो यह है कि हाईवे पर रातभर आवागमन होता है लेकिन एक पुलिस चौकी तक नहीं है। दिन में बैंक के गार्ड और कुछ और पुलिस की तैनाती तो रहती है, लेकिन कोई स्थाई पुलिस बूथ न होने से हमेशा पुलिस नहीं रहती। इस वजह से इलाके में अपराध होने पर आरोपियों को पकड़ना पुलिस के लिए टेढ़ी खीर हो जाता है।

उठ गया दो बच्चों के सिर से पिता का साया, परिजनों में मातम

फतेजगंज बाजार में गोली मारकर की गई सर्राफा व्यवसायी की हत्या के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। इस घटना के बाद दो पुत्रों के सिर से पिता का साया उठ गया। उमेश सेठ को एक पुत्र और एक पुत्री है। पुत्र हरिओम (16) और पुत्री प्रिंसी (18) है। घटना के बाद पत्नी वंदना, पिता छोटेलाल और माता जड़ावती का रो-रोकर बुरा हाल है। शनिवार की शाम करीब सात बजे जब घटनास्थल पर एसपी पहुंचे तो उनके सामने ही परिवार के लोग रो रहे थे। पुत्र हरिओम को रोते देख एसपी डॉ. अजय पाल शर्मा की आखें भी छलछला गईं। वह हरिओम को गले लगा लिए। रात करीब आठ बजे पूर्व सांसद धनंजय सिंह और एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंसू भी घटनास्थल पर पहुंचे।

 

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