जितेंद्र बहादुर दूबे रिपोर्टर
जौनपुर। गोमती नदी संगम के किनारे त्रिमुहानी का ऐतिहासिक मेला लगा। गोस्वामी तुलसीदास कृत श्रीरामचरितमानस में वर्णित पंक्ति सई उतरि गोमती नहाए, चौथे दिवस अवधपुर आए। राजेपुर स्थित पवित्र सई-गोमती नदी के संगम स्थल का आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होना सिद्ध करता है। क्षेत्र के आदि गंगा गोमती तथा सई नदी के संगम स्थल राजेपुर रामेश्वरम धाम पर सोमवार की तड़के सुबह से हजारों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाकर भगवान रामेश्वरम का जलार्चन कर दर्शन पूजन किया। इस दौरान लगने वाले ऐतिहासिक मेले में काफी भीड़ रही। लोग सुबह दर्शन पूजन तो दोपहर के बाद मेले का लुफ्त उठाते नजर आये। मेले में जहां महिलाओं ने सौंदर्य प्रसाधन के सामान खरीदने में दिलचस्पी लिया। वहीं बड़े बुजुर्गों ने गृहस्थी के समान के अलावा मेले का मशहूर रेवड़ा तथा भेड़ के बाल का कम्बल खरीदा। बच्चे खिलौने खरीदे। मेले में लगे झूले चरखों का भी महिलाओं ने आनन्द लिया। मेले में आस—पास के गांवों के लोगों के अलावा अन्य जनपदों के लोगों ने भी स्नान कर दर्शन पूजन किया। सुरक्षा की दृष्टि से जलालपुर थानाध्यक्ष राजेश यादव अपने हमराहियों के साथ लगातार मेले में चक्रमण करते रहे। उन्होंने कई मनबढ़ों को हुड़दंग मचाने पर पकड़कर बैठाया। अन्य थानों से आयी पुलिस भी सक्रिय रही।