फालोअप संदेश 24न्यूज
जौनपुर। मड़ियाहूं कोतवाली के बारीगांव गांव में गुरुवार की शाम हुई आरा संचालक की गोली मारने की घटना में आरा संचालक की देर रात इलाज के दौरान वाराणसी के ट्रामा सेंटर में मौत हो गई। इस हत्या के मामले में कहीं बगल के गांव की युवकों ने 37 वर्ष पूर्व की घटना का बदला लेने के लिए आरा संचालक की हत्या तो नहीं किया है। इसकी चर्चा क्षेत्र के आसपास तेजी के साथ हो रही है।
बारीगांव नेवादा निवासी आरा संचालक जयप्रकाश सिंह उर्फ गुड्डू कि गुरुवार की शाम तीन बाईक सवार युवकों ने गोली मारकर घायल कर दिया था। जिसमें परिजनों ने घायल गुड्डू को सिंह रिसर्च मेडिकल अस्पताल वाराणसी में भर्ती कराया। जहां से उन्हें बीएचयू ट्रामा रेफर कर दिया गया। लेकिन वहां भी डॉक्टर नहीं बचा पाए और उनकी देर रात 8:00 बजे मौत हो गई। मौत की पुष्टि मृतक के भतीजे ने अधिकारियों से फोन पर वार्ता के दौरान किया।
घटना के संबंध में अनुमान लगाया जा रहा है कि वर्ष 1986 में महमदपुर निवासी गोपी यादव की गोली मार कर हत्या कर दिया गया था। जिसमें जयप्रकाश सिंह उर्फ गुड्डू के छोटे भाई प्रेम प्रकाश सिंह को 302 का आरोपी बनाया गया था। लेकिन काफी दिनों तक मुकदमेबाजी होने के बाद न्यायालय द्वारा उन्हें बरी कर दिया गया था। चर्चा है कि उसी को लेकर युवकों ने इस घटना को अंजाम दिया।
वही इस घटना की चर्चा ग्रामीणों में है कि गुरुवार की दोपहर महमदपुर गांव का एक युवक किसी कार्यवस गुड्डू सिंह के पास गया हुआ था। मृतक ने उक्त युवक को अपमानित करते हुए भगा दिया था। जाते समय युवक ने देख लेने की भी धमकी दिया था। शाम होते-होते गोली जैसी जघन्य घटना गांव में घट गई।
फिलहाल आरा संचालक की मौत जिस मामले में भी हुआ हो मृतक के परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। अब क्षेत्रीय लोगों की निगाहें मड़ियाहूं पुलिस की जांच पर टिकी हुई है कि आरा संचालक की मौत 37 वर्ष पूर्व हुई हत्या का बदला है या कोई अन्य मामले को लेकर मृतक आरा संचालक को गोली मारी गई है।