नवनीत सिंह रिपोर्टर
उत्तर प्रदेश। जौनपुर जिले में स्थित नेवढिया के हथेरा बीर बाबा के प्राचीन मंदिर में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी भारी संख्या में नव विवाहित जोड़े एवं शादी को फिक्स कराने के लिए श्रद्धालुओं का बाबा के दरबार में तांता लगा रहा। मंदिर परिसर के अंदर मेला में सैकड़ों दुकानें भी सजी रही।
जौनपुर जिले से 45 किलोमीटर दूर जमालापुर बाबतपुर मार्ग पर हथेरा गांव में प्राचीन हथेरा वीर बाबा का मंदिर स्थित है। मान्यता है कि हथेरा वीर बाबा का जो भी श्रद्धालु दर्शन कर कुछ मांगता है उसका मनोकामना अवश्य पूरा होता है। मान्यता तो यह भी है कि जिस युवक की शादी नहीं हो रहा है अपनी शादी फिक्स करवाना चाहता है तो बाबा के दर्शन मात्र से उसकी शादी हो जाती है। शादी के बाद नव विवाहित जोड़े बाबा को माला फूल एवं कढ़ाई चढ़ाकर जीवन सुखमय व्यतीत करता है।
प्रतिवर्ष सावन माह में बुढ़वा मंगल के दिन नवविवाहित जोड़े हथेरा बीर बाबा के मंदिर में पहुंचकर अपने मान्यता के अनुसार फिक्स शादी होने के बाद माला फूल चढ़ाकर बाबा से सकुशल जीवन व्यतीत करने की मनोकामना करते हैं। हथेरा वीर बाबा के अलौकिक शक्तियों के बारे में यहां के स्थानीय लोगों की माना जाय तो हथेरा बीर बाबा देव के अंश हैं।
जिन्हें केरार वीर के नाम से जाना जाता है। इनके प्राचीनता का सही आकलन तो नहीं उपलब्ध है। परंतु जानकारों ने इनकी उत्पत्ति केरार वीर देव से करते है। जिनका मंदिर जौनपुर शहर में गोमती नदी के तट पर आज भी विद्यमान है। किवदंतिया है कि त्रेता युग में केरार वीर द्वारा शक्तियों का दुरुपयोग करने पर प्रभु श्रीराम द्वारा अपने बाणों से उनके कई खंड कर दिए गए। जो क्रमश: पचहटियां, हथेरा, मडियाहू, डोभी, वाराणसी एवं चंदौली जनपद में गिरा। जिस जिस जगह उनका अंश गिरा उपरोक्त स्थान देव रूप में स्थापित हो गए हैं। उसी में से एक हाथ केदार वीर बाबा का हथेरा गांव में भी गिरा था। इसीलिए इस स्थान का नाम हथेरा वीर बाबा के नाम से प्रसिद्ध हो गया। सावन के बुढ़वा मंगल के दिन यहां पर प्रतिवर्ष काफी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और अपने मान्यता के अनुसार चढ़ावा चढ़ाते हैं और मनोकामना पूरी करते हैं।
मेले में रिपोर्टर नवनीत सिंह, शैलेंद्र सिंह, मोनू ,दीपक ,गुलाब, प्रदीप उदयभान ,निशांत , अंकित ,हर्षित, सूरज सिंह आदि लोग उपस्थित थे।