जौनपुर। मुफ्तीगंज क्षेत्र में अपना लाभ चाहने वाले नेता दल बदलते रहते है क्योंकि केवल वह मलाईदार कुर्सी से चिपकना चाहते है। यदि वह किसी पार्टी में है उनको टिकट नहीं मिला तो वह दल को बदल देगे। ऐसे दलबदलू नेताओ को कुर्सी नसीब तो जल्दी नहीं होती बल्कि केवल जनता के भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते रहते है। उनके साथ जिने मरने वाले कार्यकार्ताओ को अपने कुर्सी के आगे बढ़ने नहीं देते है। एक बार वह कुर्सी पर काबिज हो गये तो बार बार वही बने रहना चाहते है। दूसरे को अवसर नहीं देना उन्हें नागवार लगने लगता है। दल ऐसा होता है कि जिनको सत्ता मिलता है तो दल के कारण मिलता है उन नेताओ के बर्चस्व पर नहीं मिलता है। कुछ नेता है जो निर्दल सत्ता में आते है वे जनता के साथ ब्यवहार अच्छा रखते है। विधानसभा क्षेत्र में कभी कभी ऐसा भी हो गया कि दल वाले भी गलत टिकट दे देते है जिसके बाद उनके अपने कुछ नेताओ द्वारा विरोध होता जिससे वह सत्ता से दूर हो जाते हैं। जबकि दूसरे दल वाले प्रभावशाली नेता को टिकट दे देते है जिससे विरोधी नेता को हराने में जनता दूसरे दल को जिता देती है। लेकिन दलबदलू नेताओं का कोई जमीन नहीं होता न तो वह जमीनी नेता होते है उनको केवल अपने लिए कुर्सी प्यारी होती है।