जौनपुर। सुरेरी थाना क्षेत्र के कसेरू बाजार में बुधवार की रात टीवी चैनल के पत्रकार के साथ अज्ञात मनबढ़ो ने छिनैती से नाकाम होने पर जमकर पिटाई कर दिया। पिटाई से घायल होने के बाद सिर में तमंचा लगाते हुए जेब में रखा 950 रूपये छीनकर मनबढ़ फरार हो गए। आसपास के लोगों ने परिजनों को सूचना दिया। परिजन घायल अवस्था में उन्हें सुरेरी थाने ले गए लेकिन पुलिस ने मुकदमा नहीं दर्ज किया। मेडिकल के लिए रामपुर सीएचसी भेज दिया। डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद सीने में अधिक चोट आने के कारण हालत चिंताजनक देखते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिलास्पताल में पत्रकार की गंभीर हालत में इलाज चल रहा है।
#पत्रकार राज नारायण गिरी का गंभीर रूप में जिला अस्पताल में ईलाज चल रहा है जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है सीने की हड्डी टूट जाने के कारण काफी दर्द भी बताई जा रही है लेकिन पुलिस मामले में असंवेदनशील बनी हुई है। मनबढ़ो के ऊपर कार्रवाई करने को कौन कहे इलाज के लिए भी एक पुलिसकर्मी नहीं भेज सकी उल्टे अपनी दूसरी कहानी बता कर मामले को दूसरा मोड़ दे रही है।#
बीते बुधवार को टीवी चैनल के पत्रकार सुरेरी थाना के देहुआ निवासी राज नारायण गिरी को घर जाते समय पट्टीजियाराय गांव के समीप चार पाँच की संख्या में मनबढ़ युवकों ने उनके बाइक को रोक लिया और पत्रकार के जेब से पैसा निकालने लगे, पत्रकार ने जब इसका विरोध किया तो मनबढ़ो ने तमंचा निकालकर सिर पर सटा दिया और पिटाई करने लगे जिसके बाद पत्रकार किसी तरह बच बचाकर बाइक के साथ भागा तो मनबढ़ो ने उसका पीछा किया और कसेरू चौराहे के पास उसे पकड़कर जमकर पिटाई किया।
जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल होकर जब राज नारायण गिरी जमीन पर गिर पड़े तो उनकी जेब में रखा 950 रुपये निकालकर फरार हो गए। आसपास के लोगों ने सूचना परिजनों को दिया। मौके पर पहुंचे परिजनों ने घायल पत्रकार को लेकर सुरेरी थाने पहुंचे और घटना की जानकारी दिया। जिसके बाद आरोप है कि थानाध्यक्ष ने प्राथमिक उपचार के लिए सीएचसी रामपुर जरूर भेज दिया लेकिन साथ में कोई भी पुलिसकर्मी नहीं भेजा।
पत्रकार का आरोप है कि पुलिस उक्त मामले में कार्रवाई करने के बजाय महज आश्वासन ही दे रही है। घटना के चार दिन बाद भी पुलिस मेडिकल मुआयना कराना उचित नहीं समझ रही है।
हालांकि गंभीर रूप से घायल पीड़ित पत्रकार का जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है और वह जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। वहीं पुलिस उक्त मामले में कार्रवाई करने के बजाय लीपापोती करने में जुटी हुई है। मामले में थानाध्यक्ष सुरेरी रमेश कुमार से पूछने पर उन्होंने झल्लाकर कहा कि ने सभी आपस में संबंधी हैं कोई लूट नहीं हुई है ज्यादा दबाव बनाएंगे तो दोनों पक्षों की तरफ से मुकदमा हम दर्ज कर लेंगे।
सोचिए ऐसे थानाध्यक्ष है कि जो मामले की जानकारी देने के बजाय पत्रकारों को ही दबाव देना बता रहे हैं और इतनी जल्दी है कि पूरी जानकारी भी नहीं दे रहे हैं।