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जौनपुर। दलित छात्र की पिटाई पर आक्रोशित अधिवक्ताओं ने किया प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन

जौनपुर। मड़ियाहूं तहसील के अधिवक्ताओं ने राजस्थान राज्य की जालोर में हुई दलित छात्र की पिटाई से मौत के मामले में अधिवक्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। अधिवक्ताओं ने नारेबाजी करते हुए पूरे तहसील प्रांगण का चक्रमण कर विरोध जताया। बाद में जिलाधिकारी के नाम एसडीएम मड़ियाहूं को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन के दौरान तहसील के सैकड़ों अधिवक्ता मौजूद रहे।


गुरुवार को मड़ियाहूं तहसील खुलते ही पूर्व महामंत्री राकेश कुमार गौतम के नेतृत्व में दर्जनों अधिवक्ताओं ने मड़ियाहूं बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कंस राज यादव को जानकारी दिया कि आजादी के 75वें अमृत महोत्सव पर राजस्थान के जालौन में एक दलित छात्र इंद्र कुमार मेघवाल उम्र 9 वर्ष जो कक्षा 3 का छात्र था उनकी ही शिक्षक शैलू सिंह द्वारा महज इसलिए पीट-पीटकर मार डाला की वह विद्यालय के मटके को छू लिया था। जिससे अधिवक्ताओं में आक्रोश व्याप्त हो गया।

फोटो-मड़ियाहूं तहसील में शोकसभा करते अधिवक्ता गण

इसके तुरंत बाद अधिवक्ता संघ ने शोक सभा आयोजित कर शिक्षक द्वारा दलित छात्र को महज मटके से पानी पीने के कारण मार डालने पर कड़ी निंदा किया और कहा कि यह घोर निंदनीय कृत्य है। ऐसे शिक्षक को समाज में रहने का कोई हक नहीं है। जिसके बाद मृतक छात्र के प्रति 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दिया।
दोपहर 11:30 बजे सैकड़ों अधिवक्ताओं ने नारेबाजी करते हुए पूरे तहसील परिसर का भ्रमण करते हुए उपजिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचे जहां पर उपजिलाधिकारी अर्चना ओझा को जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के नाम जाति के आधार पर पिटाई करने वाले शिक्षक पर कड़ी कार्रवाई करने वाली मांगों का 3 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा।

फोटो- दलित छात्र के पीट-पीटकर हत्या करने पर प्रदर्शन करते अधिवक्ता

ज्ञापन में कहा गया कि शिक्षक शैलू सिंह की जांच करवा कर तुरंत आम जनमानस के सामने फांसी दिया जाए। मृतक परिवार को अधिक से अधिक धनराशि से सहायता की जाए, और भारत सरकार से मांग किया कि ऐसा कानून बनाया जाए कि भविष्य में किसी भी छात्र के साथ इस घटना का पुनरावृति न हो।
पूर्व महामंत्री राकेश गौतम ने कहा कि इस देश में दलित और दलित का बेटा कहां जाए यह सरकार को बताना चाहिए। क्या मटके को छू लेने मात्र से ही छात्र को पीट पीटकर मार डालना न्यायोचित है। ऐसे घोर निंदनीय कार्य करने वाले को सीधे जनता के सामने फांसी की सजा दे देनी चाहिए।
पूर्व अध्यक्ष मोहन लाल यादव ने कहा की आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बावजूद छुआछूत का दंश कुछ लोगों के अंदर से जा नहीं रही है। अगर सरकार इस पर विचार नहीं किया तो समाज में विघटन पैदा हो जाएगा इससे अराजकता फैलेगी फिर सरकार इसे रोक नहीं पाएगी। इसलिए इस पर कड़ी से कड़ी कानून सरकार को बनाना चाहिए।


प्रदर्शन के दौरान मोहन लाल यादव पूर्व अध्यक्ष, इंद्रजीत भारती, महामंत्री देवेंद्र त्रिपाठी, शरद चंद्र विश्वकर्मा, सुरेंद्र पटेल, रमेश गौतम, पूर्व अध्यक्ष सूर्यमणि यादव, मुर्तजा हुसैन, विजय प्रकाश गौतम, अमरनाथ गौतम, सूबेदार यादव, रामजस यादव, जयशंकर मिश्रा समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

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