जौनपुर। मड़ियाहूं तहसील में शनिवार को तहसील समाधान दिवस अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया समाधान दिवस में सुबह से ही फरियादियों की लाइने लगी रही शनिवार की शाम 2:00 बजे तक 164 फरियादियों ने अपनी तकलीफे सुनाई तो समाधान दिवस में बैठे अधिकारियों ने 11 फरियादियों का मौके पर मामले का निस्तारण कर घर भेज दिया। इस तरह तहसील समाधान दिवस महज खानापूर्ति बनकर रह गया है।
शनिवार की सुबह अपर जिलाधिकारी जौनपुर राम प्रकाश की अध्यक्षता में तहसील समाधान दिवस का आयोजन किया गया। तहसील समाधान दिवस में उप जिलाधिकारी अर्चना ओझा भी एडीएम के सहयोग में मौजूद रही। इस दौरान 164 फरियादियों ने एडीएम को अपनी तकलीफ बयां किया। जिसमें 11 फरियादियों का मौके पर निस्तारण किया गया।
तहसील समाधान दिवस पर नेवढ़िया थाना के भाऊपुर गांव निवासी इमामुद्दीन भी पहुंचकर भाऊपुर पुलिस चौकी पर तैनात सिपाही विश्वजीत पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाकर शिकायत किया तो एसडीएम अर्चना ओझा ने थाने से आए एसएचओ को मामले की निस्तारण के लिए कहा लेकिन इमामुद्दीन के मामले का निस्तारण नहीं हो सका और पीडित पुलिसकर्मियों से अब भी प्रताड़ित हो रहा है।
इसी तरह बरसठी थाना क्षेत्र के गोठांव गांव निवासी आलोक कुमार शास्त्री ने भी शनिवार को थाना तहसील समाधान दिवस पर पहुंचकर छठवीं बार गाटा संख्या 306 एवं 309 पर दबंगों द्वारा अतिक्रमण किए जाने की शिकायत किया है। लेकिन उन्हें आश्वासन देकर पुनः भेज दिया गया।
जमालापुर पट्टी गांव निवासी अछैवर सिंह को हल्का लेखपाल ने जीवित रहते हुए भी उनके खतौनी में मृतक दिखाकर जोगापुर के शिवानंद दुबे आदि ब्राह्मणों को जमीन का वरासत कर दिया। अब मृतक अछैवर जीवित रहते हुए भी तहसील दिवस का चक्कर लगा रहा है। एडीएम ने कहा कि शीघ्र अछैवर खतौनी के कागजों में जीवित हो जाएंगे।
करमौवा कला गांव के पारसनाथ, शीतला प्रसाद एवं दीनानाथ माली ने समाधान दिवस पर बताया कि मैं 8 भाई हूं। लेकिन लेखपाल द्वारा मेरे खतौनी में नौ भाइयों को दिखाकर वरासत कर दिया गया है।