जौनपुर। मड़ियाहूं तहसील मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर बरसठी विकासखंड में स्थित रायपुर ग्राम सभा अंतर्गत दुर्गा देवी गांव में स्थित आदि देवी मां दुर्गा के मंदिर पर शारदीय नवरात्र में उनके नौ रूपों का दर्शन के लिए भक्तों का तांता नौ दिन तक लगातार लगा रहता है। महिलाएं देवी पचरा गाकर प्रतिदिन मां दुर्गा का दर्शन करने के लिए आती है इस दौरान भव्य मेले का आयोजन भी किया जाता है।
शीतला चौकिया धाम और दुर्गा देवी का दर्शन बिना विंध्याचल मां का दर्शन अधूरा
पूरे शारदीय नवरात्रि में दुर्गा देवी मंदिर पर भक्तगण प्रदेश में रह रहे नात रिश्तेदार कोने-कोने से यहां पहुंचकर दर्शन करने के लिए सुबह 4:00 बजे मंदिर परिसर में पहुंचकर मां के प्रथम रूप दर्शन कर आशीर्वाद लेते है। मान्यता है कि मां विंध्यवासिनी के प्रतिमूर्ति का अंश दुर्गा देवी गांव में विद्यमान है। जनपद की चौकिया धाम शीतला माता का दर्शन करने के बाद भक्त दुर्गा देवी मंदिर पर पहुंचकर मां भगवती का भी दर्शन कर तब विंध्याचल देवी का दर्शन करते हैं। भक्त मानते हैं कि इन दो देवियों का दर्शन नहीं करने से विंध्याचल देवी का दर्शन अधूरा रहता है। और पूर्ण फल की प्राप्ति नहीं हो पाती।
राम के भाई शत्रुधन ने स्थापित किया था मुर्ति
मंदिर के स्थापना के विषय में कोई भी उल्लेख नहीं है। मंदिर के मुख्य पुजारी राजेश दुबे बताते हैं कि सदियों पुरानी कथा है जब राम वन गमन के लिए गए थे। उस समय यह क्षेत्र जंगलों से आच्छादित था और यहां एक राक्षसी विराजमान करती थी। इसी रास्ते से शत्रुघ्न जा रहे थी तो वह आगे नहीं जाने दे रही थी बाद में लड़ाई हो गई लेकिन विजय राक्षसी पर नहीं हो पा रही थी। जिसके बाद शत्रुधन ने जाकर विंध्याचल से मां की मूर्ति लाकर स्थापित किया था। तब राक्षसी को मारा जा सका।
बताते है राक्षसी के मौत का राज विंध्याचल के पुजारी ने ही शत्रुघ्न को दिया था। इसलिए विंध्याचल धाम के पुजारी के पूर्वज ही मंदिर में पूजा पाठ कराते हैं।
दुर्गा देवी गांव पहुंचने का सुगम रास्ता
दुर्गा देवी गांव पहुंचने के लिए जौनपुर जनपद से सड़क मार्ग से मड़ियाहूं जमालापुर बरसठी मार्ग से होते हुए पहुंचा जा सकता है। जिले के भंडरिया रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़ कर बरसठी भन्नौर स्टेशन से पहुंच सकते है।