जौनपुर। बरसठी थाना क्षेत्र के खुआवां गांव में चुनावी रंजिश के कारण पंचायत चुनाव में यादव पक्ष को वोट नहीं देने के कारण दलित बस्ती के आधा दर्जन से अधिक लोगों को दबंगों ने दौड़ा-दौड़ा कर पिटाई किया। पिटाई में आधा दर्जन से अधिक दलित घायल हो गए हैं। दबंगों ने उनके घर छप्पर और बाईक को तोड़ने एवं कई अन्य सामानों को तोड़ फोड़ कर फेंक दिया है। पुलिस ने दोनों पक्षों से 10 वर्ष पहले मौत हो चुके एक व्यक्ति समेत 24 लोगों के खिलाफ मारपीट नुकसान एवं दलित उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कर लिया है। इसके बावजूद यादव बस्ती के दबंग कुछ दलितों के ऊपर लगातार हमला बोल रहे हैं।
बताया जाता है कि खुआवां गांव में ग्राम पंचायत के चुनाव में करमानंद यादव एवं देवेंद्र प्रताप सिंह ग्राम प्रधान प्रत्याशी रहे। चुनाव के दिन खुआवां गांव के दलित बस्ती दो खेमों में बंट गई। जब चुनाव परिणाम आया तो देवेंद्र प्रताप सिंह भारी मतों से विजई हो गए और करमानंद यादव हार गए। आरोप है कि करारी हार से क्रोधित यादव पक्ष के लोगों ने दो मई को दलित बस्ती में पहुंचकर जो मिला उसी को दौड़ा-दौड़ा कर पिटाई किया गया। महिलाओं बच्चों के साथ अभद्रता करते हुए उनके घर और छप्परों में तोड़फोड़ कर दो पहिया वाहनों को तोड़ दिया गया। बस्ती में दबंगों का कहर इस कदर पर बरपा की दलितों का परिवार निकलकर ठाकुर बस्ती की तरफ भागे तब जाकर उनकी जान बची। सूचना पर पहुंची 112 नंबर पीआरबी भी मामले में कुछ नहीं कर सकी और वापस चली गई। उसके बाद दोबारा दबंगों की तरफ से बस्ती की ओर धावा बोला गया। दबंगों के आतंक से घबराए दलित आज तक निवर्तमान प्रधान देवेंद्र प्रताप सिंह के घर पर पनाह लिए हुए हैं। पुलिस ने दलित मनोज कुमार के तहरीर पर करमानंद यादव, धर्मानंद, रत्नेश कुमार शुक्ल, धीरेंद्र कुमार मौर्य, मुन्नू गौतम, योगेश कुमार पाल, राहुल गौतम, शंकर गौतम, उमाशंकर गौतम, सूरज, रामसजीवन समेत 11 लोगों के खिलाफ मारपीट एवं आगजनी करने और दलित उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज किया। वही दूसरे पक्ष के मुन्नीलाल के तहरीर पर पुलिस ने 10 वर्ष पहले मौत हो चुके धीरू शुक्ला समेत 13 लोगों की विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया है जिसमें राम आसरे, जोखन, गब्बर, लालमणि, निवर्तमान प्रधान देवेंद्र प्रताप सिंह, सुशील, आनंद शुक्ला, नन्हें, रोहित, सुजीत कुमार, अमित के खिलाफ मारपीट एवं दलित उत्पीड़न समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। बुधवार को दोनों पक्ष एक बार फिर आमने-सामने आ गए थे जिसकी सूचना पर पहुंची पुलिस ने यादव पक्ष के दो युवकों को पकड़कर थाने ले गई लेकिन थोड़ी देर बाद उसे छोड़ दिया गया। गांव के दलित अभी तक भय के साए में जी रहे हैं और निवर्तमान प्रधान के निवास पर अपना आशियाना बनाए हुए हैं पुलिस मामले में अभी तक किसी भी प्रकार की हस्तक्षेप नहीं करने से सूत्र बताते हैं कि दबंग लोग गंभीर घटना करने की पृष्ठभूमि तैयार कर रहे हैं कभी भी खुआवां गांव में किसी अनहोनी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
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