जौनपुर। भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद हुई हिंसा के विरोध में बुधवार को केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर लॉकडाउन को देखते हुए जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह के अध्यक्षता में वर्चुअल के माध्यम से धरना प्रदर्शन किया गया। जिसके मुख्य अतिथि पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष एवं जिला प्रभारी राकेश त्रिवेदी रहे। बतौर मुख्य अतिथि राकेश त्रिवेदी ने धरना पदर्शन को सम्बोधित करते हुये कहा कि हिंसा में 11 से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं के मारे जाने की खबर मिल रही है इसकी हम घोर निंदा करते है और जो तस्वीरें मैंने विभाजन के समय देखी थी वे ताजा होती दिख रही है जिनको रक्षा करनी चाहिए वे ही इस तांडव के जिम्मेदार हैं। ऐसे लोग शपथ लें प्रजातंत्र में सबको शपथ लेने का अधिकार है लेकिन हम भी शपथ लेते हैं कि बंगाल की धरती से राजनीतिक हिंसा खत्म करेंगे। जैसे-जैसे नतीजे आए हैं वैसे-वैसे यहां राजनीतिक हिंसा का तांडव देखने को मिला है, यह लड़ाई हम निर्णायक मोड़ तक लड़ेंगे। उन्होंने आगे कहा कि अगर इस समय लॉकडाउन ना होता तो भाजपा के कार्यकर्ता बता देते ममता को कि भाजपा के कार्यकार्यताओ को मारने का क्या परिणाम होता है, स्थिति बहुत गंभीर है खासकर एक समुदाय के लोगों पर हमला हो रहा है, इसमें केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए, हम लोगों ने शपथ लिया है कि हम लोकतांत्रिक तरीके से बंगाल में सामान्य स्थिति बहाल कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अगर फिर भी बंगाल में हिंसा नही रुक रही है तो हम सब केन्द्र सरकार से राष्ट्रपति शासन लगाने का अनुरोध करेंगे। आगे धरना पदर्शन को सम्बोधित करते हुये पूर्व प्रदेश महामंत्री एव वर्तमान में विधान परिषद सदस्य विद्यासागर सोनकर ने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की भारी जीत के बाद राज्य में राजनीतिक हिंसा का दौर चल पड़ा है पिछले दो दिनों में लगातार बंगाल में खूनी खेल देखने को मिला है चुनाव नतीजों के बाद से कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया है और कई घायल हो गए, कई लोगों के घरों में लूटपाट की गई है तो कुछ जगहों पर घरों और दुकानों को फूंक दिया गया है मरने वाले और आगजनी के पीड़ित लोग भाजपा के कार्यकर्ता हैं तो राज्य में हिंसा और आगजनी करने वाले तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं, इन रक्तरंजित घटनाओं की देशभर में निंदा की जा रही है और देश भर में धरना-प्रदर्शन हो रही है हम केंद्र सरकार से अनुरोध करते है राज्यपाल से बात कर स्थिति को संभाले अन्यथा स्थिति बहुत बिगड़ जायेगी अगर स्थिति नही सम्भलती है तो हम केन्द्र सरकार से अनुरोध करते है कि राष्ट्रपति शासन लगाकर स्थिति को सम्भाले। उक्त धरना प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुये राज्य सभा सांसद सीमा द्विवेदी ने कहा कि जेपी नड्डा जी हिंसा प्रभावित कार्यकर्ताओं और उनके परिजनों से मुलाकात कर रहे हैं इससे बंगाल के कार्यकर्ताओं का साहस बढ़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि बंगाल चुनाव के परिणाम आने के बाद से जिस तरह की घटनाएं बंगाल में हो रही है, वो चिंताजनक है और भारत विभाजन के समय हमने ऐसी घटनाओं के बारे में सुना था, स्वतंत्र भारत में किसी भी राज्य के चुनाव नतीजों के बाद इस तरह की घटना और असहिष्णुता नहीं देखी गई थी। उन्होंने बंगाल हिंसा पर कहा कि ममता बंगाली संस्कृति की नहीं, बल्कि असहिष्णुता का चेहरा हैं, हम इस वैचारिक लड़ाई और टीएमसी की गतिविधियों से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो असहिष्णुता से भरी है। बदलापुर के विधायक रमेश चन्द्र मिश्रा ने कहा कि हम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा पर चिंता और दुख व्यक्त करते है और बंगाल के कानून और व्यवस्था कि स्थिति पर नाराजगी व्यक्त करते हुये बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कानून एवं व्यवस्था बहाल करने को कहा, उन्होंने आगे कहा कि चुनाव परिणाम आने के 24 घंटे के भीतर बीजेपी के कई कार्यकर्ताओं की नृशंस हत्या कर दी गई, कई कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए, पार्टी के कई कार्यकर्ताओं के घर और दुकान तक जला दिए गए यह दुर्भाग्यपूर्ण है, उन्होंने कहा कि असम के मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया कि चुनाव परिणाम के बाद हुई हिंसा के बीच पश्चिम बंगाल से करीब 300-400 भाजपा कार्यकर्ताओं ने असम में प्रवेश किया है यह नही होना चाहिये हम केंद्र सरकार से अनुरोध करते है कि ममता बनर्जी से बातकर स्थिति को नियंत्रित करने का निर्देश दे, और अगर तब भी स्थिति नही नियंत्रण में आ रहा है तो राष्ट्रपति शासन लगाने का कष्ट करें। इस वर्चुअल धरना पदर्शन का संचालन जिला का महामंत्री सुशील मिश्र ने की। उक्त अवसर पर पूर्व विधायक सुरेन्द्र प्रताप सिंह, जिला महामंत्री पीयूष गुप्ता, जिला उपाध्यक्ष सुरेन्द्र सिंघानियां, सुनील तिवारी, अमित श्रीवास्तव, संतोष सिंह, किरण श्रीवास्तव, जिला मंत्री राजू दादा, उमाशंकर सिंह, संदीप सरोज, डीसीएफ चेयरमैन धनन्जय सिंह, भूपेंद्र सिंह, मीडिया प्रभारी आमोद सिंह, अनिल गुप्ता, संजीव शर्मा, नरेंद्र उपाध्याय, रोहन सिंह, अवनीश यादव, शुभम मौर्य मण्डल अध्यक्ष गण और मण्डल प्रभारी मॉनिटरिंग प्रमुख और प्रबुध्द वर्ग लोग जुड़े रहे।