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जौनपुर। संघ के बाल स्वयंसेवक व ऊर्जावान युवा नेता श्रीकांत सोलंकी के निष्कासन से उठे सवाल

जौनपुर। मल्हनी उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी की करारी हार से बौखलाई भाजपा और जिले के कुछ जनप्रतिनिधियों द्वारा पंचायत चुनाव के पूर्व भाजपा के ऊर्जावान युवा नेता श्रीकांत सोलंकी का निष्कासन करना पूरी भाजपा पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है।
“भाजपा के जनप्रतिनिधियों और संगठन के पदाधिकारियों के गलत निर्णयों के विरोध का खामियाजा भुगतना पड़ा। श्रीकांत सोलंकी के साथ मल्हनी उपचुनाव की खुन्नस पंचायत चुनाव में निकाली गई।”
आज जौनपुर में प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने संगठन के पदाधिकारियों की एक बैठक करके पंचायत चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की बात कही थी। इसी क्रम में आज भारतीय जनता पार्टी के जौनपुर और मछलीशहर जिलाध्यक्ष द्वारा पंचायत चुनाव में बागियों के निष्कासन की सूची जारी की गई।

सूची में 51 लोग तो पंचायत चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव प्रचार करने में निष्कासित किए गए वहीं एक मात्र भाजपा के युवा नेता श्रीकांत सोलंकी को इसलिए निकाला गया कि उन्होंने मल्हनी उपचुनाव में भाजपा के प्रत्याशी मनोज सिंह का विरोध किया था।
सूत्र बताते हैं कि संघ और विद्यार्थी परिषद में गहरी पैठ जमाने वाले भाजपा के युवा नेता श्रीकांत सोलंकी बहुत कम समय में चर्चा में आ गए। कोरोना काल में श्रीकांत सोलंकी ने गरीबों के बीच जाकर उनकी यथासंभव मदद किया। इसके चलते उनकी लोकप्रियता काफी बढ़ गई थी। उनकी बढ़ती लोकप्रियता से जिले के जनप्रतिनिधि और संगठन के लोग ईर्ष्या करने लगे। छः माह पूर्व मल्हनी उपचुनाव में ऊर्जावान कार्यकर्ताओं श्रीकांत सोलंकी समेत मल्हनी विधानसभा के सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने कुछ वर्षों पूर्व भाजपा प्रत्याशी मनोज सिंह को डमी प्रत्याशी बताते हुए इनका विरोध किया था। सूत्र बताते हैं कि मल्हनी विधानसभा क्षेत्र के 300 से अधिक बूथ अध्यक्ष और कुछ मंडल अध्यक्ष और सेक्टर प्रभारी भी भाजपा प्रत्याशी का विरोध करते हुए निर्दल प्रत्याशी धनंजय सिंह का समर्थन किया। उस समय भाजपा ने कार्यकर्ताओं और नेताओं का निष्कासन इसलिए नहीं किया कि यदि उस समय निष्कासन होता तो मल्हनी विधानसभा क्षेत्र कार्यकर्ता विहिन हो जाता। श्री सोलंकी समय-समय पर जिले के जनप्रतिनिधियों और भाजपा संगठन के गलत कार्यों के खिलाफ हमेशा आवाज उठाते रहे हैं। इसीलिए जिले के भाजपा संगठन के कुछ मलाई खा रहे पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के आंखों के किरकिरी बन गए थे और सभी मिलकर श्रीकांत सोलंकी के निष्कासन की रणनीति बनाते रहे अंत में अपने रणनीति में सफल भी हो गए। श्री सोलंकी के निष्कासन से भाजपा कार्यकर्ताओं में जहां रोष व्याप्त है। वही खबर उड़ रही है कि शीघ्र सोलंकी के समर्थन में काफी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता इस्तीफा देने का भी मूड़ बना रहे है।

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