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जौनपुर। सावित्रीबाई फुले के जयंती के अवसर पर सांसद बी पी सरोज ने गरीबों को वितरित किया कम्बल।

जौनपुर। बरसठी विकास खण्ड के मनौरा गाँव मे सावित्रीबाई फुले की जयंती बहुत ही धूमधाम से मनायी गयी। जिसमे विशिष्ट अतिथि मछलीशहर सांसद बीपी सरोज व मड़ियाहूं विधायिका डॉ लीना तिवारी रही,सांसद बी पी सरोज ने अपने अभिभाषण में सावित्रीबाई फुले के जयंती पर प्रकाश डाला तथा सांसद ने कहा कि सावित्रीबाई फुले अपना जीवन लड़कियों को पढ़ाने और समाज को ऊपर उठाने में लगा दिया। उन्नीसवीं सदी के उस दौर में जब भारतीय महिलाओं की स्थिति बड़ी ही दयनीय थीं उस दौरान शिक्षा, महिला सशक्तिकरण के लिए उन्होंने जो किया उसके लिए आज भी पूरा देश उन्हें नमन करता है।
सावित्रीबाई फुले एक समाजसेविका थीं, जिनका लक्ष्य लड़कियों को शिक्षित करना था। इसके अलावा वो भारत की पहली महिला शिक्षक, कवियत्री भी थी। सावित्रीबाई का जन्म 3 जनवरी, 1831 को महाराष्ट्र के एक गरीब परिवार में हुआ था। मात्र नौ साल की उम्र में उनकी शादी क्रांतिकारी ज्योतिबा फुले से हो गई, उस समय ज्योतिबा फुले की उम्र महज 13 साल थी।
सावित्रीबाई ने विधवा की शादी, छुआछूत को मिटाना, महिला को समाज में सही स्थान दिलवाना और दलित महिलाओं की शिक्षा जैसे कई कार्य किये। इतना ही नहीं उन्होंने बच्चों के लिए स्कूल खोलना शुरू किया। पुणे से स्कूल खोलने की शुरुआत हुई और करीब 18 स्कूल खोले गए।
ज्‍योतिबा फुले ने स्त्रियों की दशा सुधारने और समाज में उन्‍हें पहचान दिलाने के लिए उन्‍होंने 1854 में एक स्‍कूल खोला। यह देश का पहला ऐसा स्‍कूल था जिसे सिर्फ लड़कियों के लिए खोला गया था।सावित्रीबाई के पति क्रांतिकारी और समाजसेवी थे। फुले दंपति ने एक अस्पताल भी खोला था। इसी अस्पताल में प्लेग महामारी के दौरान सावित्रीबाई प्लेग के मरीज़ों की सेवा करती थीं। एक प्लेग से प्रभावित बच्चे की सेवा करने के कारण उनको भी यह बीमारी हो गई और 10 मार्च 1897 को प्लेग द्वारा ग्रसित मरीज़ों की सेवा करते वक्त सावित्रीबाई फुले का निधन हो गया। सांसद ने कहा कि अगर किसी को कुछ भी कठिनाई हो तो मैं सुबह से ही जनता की सेवा करता हूं।इस बीच डॉ लीना तिवारी ने कहा कि मेरा जन्म एक मध्यम परिवार में हुआ। और मैं अपनी बीए की पढ़ाई घर पर ही रहकर की। लेकिन जब मैं अपने ससुराल में आयी तो परदादा ससुर, ससुर व मेरे पति ने मुझे पढ़ाया और फिर मैं बीएससी करने के बाद एक शिक्षिका बनी और आज जो कुछ भी मैं हु अपने ससुराल की वजह से ही हु। कार्यक्रम के अंत मे ग्रामप्रधान अशोक सैनी जिलाध्यक्ष माली सैनी रक्षा दल ने अपने माता सुनीता देवी पूर्व प्रधान मनौरा के हाथों गरीब परिवार के लोगों 51 कम्बल वितरित किय इस बीच राष्ट्रीय सचिव अपना दल पप्पू माली,प्रमोद माली,विजय सैनी,रामआसरे,साहबलाल,अर्जुन सैनी आदि लोग उपस्थित रहे।

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