जौनपुर। पुलिस अधीक्षक राजकरन नैयर कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए रामपुर थानाध्यक्ष अश्वनी कुमार दुबे को तबादला एक्सप्रेस चलाकर भले ही सिकरारा का थानाध्यक्ष बना दिया हो लेकिन आम जनता में यह एक संदेश पुलिस अधीक्षक ने दे दिया कि दलालों का जो सुनेगा वही रामपुर थाने का थानेदारी कर पाएगा नहीं तो उसे हटा दिया जाएगा। जी हां यह शत प्रतिशत अश्वनी दुबे पर सटीक बैठ रहा है। आज के निवर्तमान थानाध्यक्ष अश्वनी कुमार दुबे के वर्तमान परिवेश को देखा जाए तो 6 माह के अंदर रामपुर थाने में जो कार्य कर दिया अभी तक कोई भी थानाध्यक्ष नहीं कर सका। रामपुर थाने पर पहुंचते ही थाना परिसर में प्रत्यक्ष को प्रमाण की देने की कोई आवश्यकता नहीं पड़ेगी और काम बोलता है की तर्ज पर सब कुछ आईने की तरह साफ साफ दिखाई पड़ना शुरू हो जाता है। थानाध्यक्ष अश्वनी कुमार दुबे ने थाने पर पहुंचते ही पहला काम जो किया वह थाना परिसर को दलाल मुक्त कर दिया जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना रहा। ऐसे दलाल जो राजनीतिक संरक्षण में पल बढ़ रहे थे थानाध्यक्ष अश्वनी कुमार दुबे उनको रास नहीं आ रहे थे, पल-पल उनकी स्थानांतरण की राह देख रहे थे। थानाध्यक्ष अश्वनी कुमार दुबे को रामपुर थाने से किस प्रकार हटाया जाए इसके लिए थाने से भगाए गए लोग ताना-बाना बुनना शुरू कर दिए थे। इसके लिए ऐसे लोगों ने थाना परिसर के बाहर और थाना परिसर के अंदर दो बार महिलाओं एवं भोले भाले देहात ग्रामीणों को लाकर प्रदर्शन भी करवाया। थानाध्यक्ष अश्वनी कुमार चाहते तो कोविड-19 महामारी अधिनियम और 144 धारा के तहत प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ मुकदमा भी लिखते लेकिन वे जानते थे कि इन्हें बरगला कर थाने पर और थाने के बाहर लाया गया है जो हमारे जाने के बाद कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाते लगाते बर्बाद हो जाएंगे, अपनी इसी दरियादिली के कारण कोई भी मुकदमा नहीं दर्ज कराया। जबकि उनके मातहत चाहते थे कि मुकदमा दर्ज हो।
दूसरी सबसे बड़ी उपलब्धि थानाध्यक्ष अश्वनी कुमार दुबे ने रामपुर थाने पर रहते हुए यह पाया कि खुद पुलिस कप्तान राजकरन नैय्यर ने थाना परिसर के रखरखाव, सुंदरीकरण, इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने संवारने और बनाने के लिए तारीफ और शाबाशी पाया। और तीसरी उपलब्धि में पुलिस अधीक्षक ने जनपद के बाकी थानेदारों को थानाध्यक्ष अश्वनी कुमार से सीख लेने की बात कही।
सूत्र बताते हैं कि रामपुर थानाध्यक्ष ने रामपुर थाना परिसर को सवारने में करीब ढाई लाख रूपए लगाएं गए जो क्षेत्र के संभ्रांत लोगों एवं थाना परिसर में आने वाले विभिन्न मदों से खर्च किए गए। थानाध्यक्ष अश्वनी कुमार के कार्यकाल में उनके मातहत भी उनसे खुश रहे जिसके कारण कई अपराध कारित करने वाले अपराधी भी जेल भेजे गए हैं। यही नहीं थाने पर हर आने वाला पीड़ित थानाध्यक्ष के व्यवहार से हमेशा खुश रहता था और अपनी पीड़ा को उनसे ही व्यक्त करना चाहता था। इस संबंध में संदेश 24 न्यूज़ ने जब बात किया तो उन्होंने कहा कि हम चाहे जहां भी रहे वह थाना दलाल मुक्त ही रहेगा चाहे इसके लिए कई थानों पर ही तबादला होता रहे।
एक सुंदर सा संदेश24न्यूज के माध्यम से हम ऐसे थानाध्यक्ष को पहुंचाते है-
हालात के कदमों पर सिकंदर नहीं झुकता, टूटे भी तर तो ज़मीन पर नहीं गिरता,
गिरती है बड़े शौक से समंदर में नदियां,
कभी किसी नदी में समंदर नहीं गिरता !!