मुंगराबादशाहपुर (जौनपुर)। स्थानीय कटरा मार्ग पर स्थित सृष्टि पैलेस में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन पुष्कर धाम से पधारे राष्ट्रीय संत दिव्य मुरारी बापू ने भगवान श्री कृष्ण जन्म उत्सव लीला प्रसंग की शुरुआत की पूरा पूजा पंडाल श्री कृष्ण के जयकारे से गूंज उठा।
“भगवान भक्त के भाव के भूखे होते हैं- दिव्य मुरारी बापू।”
भगवान श्री कृष्ण के जन्म को बड़े ही मार्मिक ढंग से वर्णन किया उन्होंने कहा कि प्रभु श्री कृष्ण का जन्म होते ही वासुदेव और देवकी के हाथ व पैरों में लगी हथकड़ी तथा कारागार के ताले स्वयं टूट गए। गाजे बाजे के संग नाचते गाते श्रद्धालु भगवान कृष्ण की झांकी निकाली।
प्रभु की झांकी देख कर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। उपस्थित लोगों ने भगवान के ऊपर फूलों की वर्षा की सोहर मंगल गीत तथा जय कन्हैया लाल की जयकारो से पंडाल गूंज उठा। संत ने कहा कि भगवान सिर्फ भाव के भूखे होते हैं। उन्होंने भाव के प्रकार दास, सत्य, काम, मातृ व निकुंज भाव सर्वोपरि है इस भाव में दूसरों का दुख सुख अपना माना जाता है। यही असली प्रेम है सिर्फ मां के गर्भ में रहने तक सौ जन्मों की बातें याद आ जाती हैं।
उन्होंने आगे कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने जेल में वासुदेव के यहां अवतार लेकर संतों व भक्तों का सम्मान बढ़ाया। उन्होंने अपने अंदर बुराई विद्यमान ना रहे इसके लिए संतों का सत्संग का मार्ग बताया।भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए पूतना वध की कथा कही कि मेरे प्रभु का स्वभाव ऐसा है कि पूतना भगवान को जहर पिलाने आई तो प्रभु ने उसे सद्गति दे दी । अंत में श्रद्धालुओं को प्रसाद का वितरण किया गया । अन्त में श्रद्धालुओं को प्रसाद का वितरण किया । इस मौक़े पर मुख्य यजमान पूर्व चेयरमैन कपिलमुनी, के साथ ही राजेश गुप्त, विश्वामित्र, डॉ राजेश गुप्त, के आर दुबे सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।