मुंगराबादशाहपुर (जौनपुर)! श्रीमद्भागवत कथा श्रवण से ही मनुष्य के जन्म जन्मांतरो के पाप कट जाते हैं। यह बाते मुंगरा बादशाहपुर के कटरा मार्ग पर स्थित सृष्टि पैलेस में आयोजित दस दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा को पुष्कर से आए राष्ट्रीय संत दिव्य मुरारी बापू ने कहीं । दिव्य मुरारी बापू ने आगे कहा कि भागवत ग्रंथ वह पुराण है। जिसमें सभी पुराणों का सार है। इस पुराण में भगवान के सभी अवतारों की लीलाओं का वर्णन बताया गया है। बापू ने कहा कि श्रीमद्भागवत साक्षात भगवान का ही स्वरूप है। श्रीमद्भागवत समस्त पुराणों का सिरमौर है । उन्होंने कहा कि इस कथा का रसपान सर्वप्रथम राजा परीक्षित को व्यास पुत्र सुखदेव मुनि ने हजारों ऋषि मुनियों के साथ करवाया था । स्वामी जी ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस प्रेत की मुक्ति सैकड़ों जगह जाने से भी नहीं हो सकती उसकी भी मुक्ति भगवान कथा श्रवण से हो जाती है। गोकर्ण भी सभी तीर्थों में गया किंतु उसकी मुक्ति नहीं हुई। जब वह श्रीमद्भागवत कथा को सुना तो उसकी भी मुक्ति हो गई। मुख्य यजमान पूर्व चेयरमैन कपिल मुनि व सभासद सुरेश चंद सोनी तथा व्यवस्थापक संत श्री घनश्याम महाराज रहे । संचालन विश्वामित्र गुप्त ने किया।