जौनपुर। जिले के मड़ियाहूं कोतवाली पुलिस बिना अपराध किए माता के साथ तीन दूधमुंहे बच्चे को 6 दिनों से थाने में बैठाकर मानवाधिकार की खुलेआम धज्जियां उड़ा रही है। बच्चों की हालत यह है कि न तो खाने में दूध दिया जा रहा है और न भरपेट भोजन। बच्चों की माता का माना जाए तो उसे केवल पका पकाया मुट्ठी भर चावल खाने के लिए दिया जा रहा है जो उन बच्चों के लिए काफी नहीं है। मामला इटाएं बाजार के हुसैनपुर गांव की है जहां कुछ दिन पूर्व जमीनी विवाद में पटेल बिरादरी एवं वनवासियों के बीच मारपीट हो जाने के मामले में क्षेत्राधिकारी मड़ियाहूं राजेंद्र प्रसाद भी घायल हो चुके हैं।उसी मामले में पुलिस ने चंद्रेश बनवासी को उसकी पत्नी औऔवऔऔ देवी एवं उसके दूधमुंहे बच्चे को थाने पर उठा लाई है चंद्रेश बनवासी गंभीर रूप से घायल है जिसका ठीक से इलाज भी नहीं हो पा रहा है। बीते 10 सितंबर से उसके पिता समेत पूरे परिवार को थाने में बैठाया गया है जहां बच्चों को न तो दूध दिया जा रहा है न हीं ठीक से भरपेट भोजन दिया जा रहा है। उसकी माता हीरा देवी बताती है कि बच्चों को केवल मुट्ठी भर चावल बच्चों को खाने के लिए दिया जाता है भरपेट भोजन बिल्कुल नहीं मिल रहा है। जब हम लोग थाने से घर जाना चाहते हैं तो पुलिस नहीं जाने दे रही है और थाना परिसर में ही बैठाएं हुई है। पुलिस के इस मनमाने से मानवाधिकार की धड़ल्ले से धज्जियां उड़ रही है जिसको देखने वाला कोई भी अधिकारी कर्मचारी नहीं है।