जौनपुर(15 नवंबर)। खुटहन में जिलाधिकारी दिनेश सिंह ने शुक्रवार को सौरइयां गांव और ब्लाक मुख्यालय का औचक निरीक्षण किया। गाँव के प्राथमिक विद्यालय पर तैनात दो शिक्षको को बगैर सूचना के गायब मिलने पर दोनों का वेतन अग्रिम आदेश तक के लिए रोक दिया। वहीं छात्र नामांकन से बहुत कम उपस्थिति देख उन्होने फटकार लगाई। गाँव में तैनात सफाई कर्मी को तत्काल प्रभाव सस्पैंड कर दिया। वहीं ग्रामीणो की शिकायत पर कोटे की दुकान भी सस्पैंड कर दिया। उसके बाद ब्लाक मुख्यालय पहुंचे डीएम ने वर्ष 2017 से आज तक बित्तीय हिसाब सही न दे पाने पर बीडीओ और कर्मचारियों को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया। आधे घंटे तक ब्लाक पर जमे रहे डीएम ने विभिन्न अभिलेखों का बारीकी से निरीक्षण किया।
दोपहर मे अचानक सौरइयां प्राथमिक विद्यालय पर पहुँचें जिलाधिकारी ने वहाँ एक मात्र महिला शिक्षा मित्र को उपस्थित देखकर उनका पारा चढ़ गया। नामांकन रजिस्टर मे 93 छात्र दर्ज थे। जबकि मौके पर मात्र 13 छात्र उपस्थित मिले। उसमे भी पांच छात्र बगैर ड्रेस के पाये जाने से नाराज डीएम ने बगैर सूचना के गायब रहने वाले दो शिक्षक दिनेश यादव और प्रशांत कुमार का तत्काल प्रभाव से अग्रिम आदेश तक वेतन रोकने का आदेश दिया। वहीं प्रधानाध्यापक खेल प्रतियोगिता में चले जाने से कार्यवाही से बच गये। इसके बाद उनका काफिला दलित बस्ती में पहुंचा। जहाँ शौचालय, आवास, खड़ंजा आदि भौतिक सत्यापन मे संतोषजनक पाया गया।
ग्रामीणो ने शिकायत किया कि कोटेदार द्वारा खाद्यान्न बितरण में उनसे सरकारी दर से अधिक पैसे लिया जाता है। जिसकी कई लोगों से पुष्टि के बाद डीएम ने दुकान सस्पैंड कर दिया। गांव में तैनात सफाई कर्मी राम लवट यादव को काम में लापरवाही पाये जाने पर सस्पैंड कर दिया।
तीसरे पहर लगभग तीन बजे ब्लाक मुख्यालय पहुँचें डीएम ने सबसे पहले बड़ेबाबू चंद्रदेव मिश्र से कर्मचारियों के नियमित वेतन और एरियल के बिषय में जानकारी लिया। वेतन समय से मिलने की जानकारी उन्होंने कर्मचारियों से भी लिया। उसके बाद उन्होने लिपिक मनोज कुमार से वर्ष 2017 से अब तक कितने धन आये और कितना ब्यय हुआ इसका लेखा जोखा मांगा। जो स्पष्ट नहीं हो पाने पर उन्होंने तीन दिन का अल्टीमेटम बीडीओ को दिया। इस बीच यहां डिप्टी कलेक्टर मंगलेश दूबे आकर गांवों मे जाकर कराये गये काम का भौतिक सत्यापन भी करेंगे। जाते जाते डीएम ने ब्लाक प्रांगण मे फैली गंदगी को लेकर नाराजगी जताते हुए तत्काल सफाई कराने का बीडीओ को निर्देश दिया। उनके जाने के बाद कर्मचारियों ने राहत की सांस लिया।