जौनपुर (6 सितंबर)। केराकत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर शुक्रवार की सुबह 10 बजे मुख्य चिकिसाधिकारी डॉक्टर रामजी पांडेय के अचानक पहुंचने से अस्पताल परिसर में हड़कंप मच गया।
मुख्य चिकिसाधिकारी रामजी पांडेय ने केराकत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर जाँच किया जिसमें 26 कर्मचारी उपस्थित पाए गए और आठ बाहर डयूटी पर मिले। 20 संविदा कर्मचारी भी ड्यूटी पर पाए गए। इसी क्रम में डॉक्टर आल्हा प्रसाद को भी फटकार लगाई। प्राइवेट ड्राइवर से अब तक सरकारी कमरा खाली क्यों नही कराया गया। एक सप्ताह में ड्राइवर को नोटिस देकर पुलिस बल के साथ कमरा खाली कराया जाय। इसी संदर्भ में नगर के समाजसेवी व अधिवक्ता अनिल कुमार गांगुली ने माँग किया कि अस्पताल में एक महिला डॉक्टर, एक सर्जन, एक पीडियाट्रिक की जरूरत है। इनके न होने से मरीजो को जिले का रुख करना पड़ता है तो मुख्य चिकिसाधिकारी ने कहा कि पूरे जिले में 30 फार्मासिस्ट और 170 डॉक्टरों की कमी है। उन्होंने उपरोक्त मांगों के लिए दो माह का समय लिया और कहा कि उपरोक्त दो महीने में डॉक्टर उपलब्ध हो जाएंगे। एक पत्रकार ने जब यह सवाल पूछा कि पूर्व चिकित्साधीक्षक डॉ विशाल सिंह यादव के समय मे ओपीडी की संख्या अच्छी रहती थी तो मुख्य चिकिसाधिकारी ने कहा कि केवल अस्पताल परिसर में गमले रख देने व मरीजो के साथ जातिसूचक शब्द का प्रयोग कर अस्पताल परिसर से बाहर कर देना और अस्पताल के कर्मचारियों का तीन व छः महीनों से वेतन बिना किसी कारण के रोक देना। ऐसे व्यवहार करने से न ही कर्मचारियों को सहूलियत मिलती है और न ही मरीजो को सहूलियत मिलेगी। मरीजो को सहूलियत उनको अच्छी तरह से देखभाल एवं अच्छी दवाओं से मिलती है।