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नई दिल्ली। मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाया। गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में की घोषणा

नई दिल्ली(5अगस्त)। जम्मू कश्मीर में धारा 370 इतिहास बन गई जम्मू कश्मीर से 70 साल बाद 370 की धारा हटाने का कार्य मोदी सरकार ने सोमवार को संसद में किया गृह मंत्री अमित शाह ने 370 धारा हटाने के लिए पत्र पढ़कर उपस्थित सांसदों को सुनाया।

 

अनुच्छेद 35 ए की धारा हटते ही जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया। और जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग किया गया । जम्मू कश्मीर से धारा 370 राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद हटाई गई।राष्ट्रपति धारा 307 में बदलाव को मंजूरी दिया।इससे जम्मू कश्मीर और अलग राज्य नहीं रहा है लेकिन लद्दाख को अलग 10 साथी प्रदीप बनाया गया। जम्मू कश्मीर में धारा 370 एक ही लागू होगा। 370 धारा हटाने की जैसे ही मोदी सरकार के गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा किया सरकार के फैसले का भारी विरोध टीडीपी सांसद ने कर अपने कपड़े फाड़ डाले। जम्मू कश्मीर में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को महबूबा मुफ्ती को प्रशासन ने नजरबंद कर दिया है और सारे स्कूल कॉलेज बंद कर दिए गए हैं सेना पुरे जम्मू कश्मीर में चप्पे-चप्पे पर चक्रमण कर रही है और लोगों की छतों पर भी अपना अधिकार जमा रखी है। जम्मू कश्मीर में नजरबंद मुफ्ती महबूबा ने मीडिया से कहा कि धारा 370 हटाना असंवैधानिक है। इसके विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।

जानिए क्या है धारा 370, जाे जम्मू कश्मीर से हटाई गई

जानिए क्या है धारा 370, जाे जम्मू कश्मीर से हटाई गई
जम्मू-कश्मीर का भारत के साथ कैसा संबंध होगा, इसका मसौदा जम्मू-कश्मीर की सरकार ने ही तैयार किया था। जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा ने 27 मई, 1949 को कुछ बदलाव सहित आर्टिकल 306ए (अब आर्टिकल 370) को स्वीकार कर लिया. फिर 17 अक्टूबर, 1949 को यह आर्टिकल भारतीय संविधान का हिस्सा बन गया।धारा 370 के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता, झंडा भी अलग है। जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं होता है। देश के सुप्रीम कोर्ट के सभी आदेश जम्मू-कश्मीर में मान्य नहीं होते हैं। संसद जम्मू-कश्मीर को लेकर सीमित क्षेत्र में ही कानून बना सकती है। रक्षा, विदेश, संचार छोड़कर केंद्र के कानून जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होते। केंद्र का कानून लागू करने के लिये जम्मू-कश्मीर विधानसभा से सहमति ज़रूरी. वित्तीय आपातकाल के लिए संविधान की धारा 360 जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं. धारा 356 लागू नहीं, राष्ट्रपति राज्य का संविधान बर्खास्त नहीं कर सकते. कश्मीर में हिन्दू-सिख अल्पसंख्यकों को 16% आरक्षण नहीं मिलता. जम्मू कश्मीर में 1976 का शहरी भूमि कानून लागू नहीं होता है. धारा 370 की वजह से कश्मीर में RTI और RTE लागू नहीं होता. जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 5 वर्ष नहीं, 6 वर्ष होता है

जम्मू कश्मीर से हटी धारा 370 अब क्या होगा वहां?

जम्मू कश्मीर में अब जमीन खरीदने का भी अधिकार होगा। जम्मू कश्मीर का अलग अलग संविधान नहीं रहेगा। जम्मू कश्मीर का अब एक ही झंडा होगा तिरंगा।जम्मू कश्मीर में अब खत्म होगी दोहरी नागरिकता। जम्मू कश्मीर के लिए अब संसद ही सुप्रीम होगी।सूचना का अधिकार एवं कश्मीर में भी लागू होगा। शिक्षा का अधिकार कानून के प्रभावी होगा। जम्मू कश्मीर की सीएजी भी लागू होगा। जम्मू कश्मीर में अब जमीन खरीदने का भी अधिकार होगा व्यापार के भी समान अवसर मिलेंगे।

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