जौनपुर (3 अगस्त)। मड़ियाहू तहसील के डाक बंगले पर शुक्रवार की दोपहर पीड़ित के लिए न्याय मांगने गए जवन्सीपुर के ग्राम प्रधान पुत्र को भारी पड़ गया। उन्हें एसडीएम के कोपभाजन का शिकार बनना पड़ा और एसडीएम के बुलावे पर पहुंची पुलिस ने पकड़कर जेल की हवा खिला दी। फिलहाल आठ बजे रात पुलिस के लाख प्रयास के बाद उन्हें उपजिलाधिकारी मड़ियाहूं ने ही जमानत पर छोड़ दिया।
बताया जाता है कि शुक्रवार की दोपहर ग्राम प्रधान माधुरी सिंह के पुत्र आशीष कुमार सिंह अपने ग्राम सभा क्षेत्र में एक मामले को लेकर प्रधान प्रतिनिधि बनकर उपजिलाधिकारी मडियाहूं चंद्रशेखर के पास तहसील में गए हुए थे लेकिन वहां पता चला कि एसडीएम साहब डाक बंगले में आराम करने के लिए गए हुए हैं। प्रधान पुत्र तुरंत न्याय पाने के लिए डाक बंगले में पहुंच गए और वहां तैनात होमगार्ड सुभाष सिंह से साहब से मिलवाने की बात कहीं लेकिन होमगार्ड नहीं कहा कि साहब अभी आराम कर रहे हैं। तहसील कार्यालय पर ही मिलेंगे। शाम करीब चार बजे प्रधानपुत्र ने तहसील आफिस में मुलाकात करना चाहा। आरोप है कि प्रधान ने होमगार्ड से शीघ्र मिलने को लेकर कहासुनी और अपशब्दों का प्रयोग किया। उधर साहब के आराम में खलल पड़ने पर खुद साहब तहसील ऑफिस में बैठकर प्रधान का इंतजार कर रहे थे। होमगार्ड से कहासुनी सुनकर बाहर निकले और पुलिस को बुलाकर जेल भेजने को कह दिया। प्रधान पुत्र अपनी बात कहता रहा लेकिन थाने से पहुंचे एसआई गोपाल तिवारी वह पुलिस हीरामणि दूबे उसे ले जाकर लाकप में बंद कर दिया। घंटे भर बाद पुलिस ने तहसील परिसर में सरकारी कर्मचारियों के साथ धौंस जमाकर शांति भंग करने के मामले में चालान कर एसडीम मड़ियाहूं के सामने पेश किया। तो पुलिस ने 14 दिन की रिमांड की मांग की। लेकिन अधिवक्ताओं के दबाव के चलते एसडीएम ने आरोपी की जमानत रात आठ बजे दे दी। प्रधान पुत्र आशीष सिंह ने बताया कि गांव के पीड़ित के लिए न्याय मांगने गया था लेकिन दबंगई का आरोप लगाकर चालान कर दिया गया। एसडीएम चंद्रशेखर ने बताया कि वह प्रधान पुत्र नहीं था बल्कि एक साधारण व्यक्ति था हमारे कर्मचारियों के साथ बदतमीजी से पेश आ रहा था जिसके कारण उसे पुलिस कस्टडी में भेजना पड़ा।
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