जौनपुर (30 जुलाई)। मड़ियाहूं तहसील के सीओ सर्किल क्षेत्र में पुलिसिया अत्याचार का पी एस व्हाट्सएप ग्रुप शिकार होने से आम जनता को कोई लाभ नहीं पहुंच पा रहा है। जिसके कारण जनता पुराने ढर्रे पर चलने को मजबूर है। पुलिस द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप को बंद कर देने से पुलिस अपराधियों को भी बढ़ावा दे रही है। मड़ियाहूं सीओ सर्किल मेें मड़ियाहूं कोतवाली, रामपुर, बरसठी, सुुुरेरी, नेेवढ़़िया थाने आते हैैं।
जिले में पुर्व में तैनात तत्कालीन पुलिस अधीक्षक आशीष कुमार तिवारी ने आम जनता से जोड़ने के लिए एसपी ऑफिस ही नहीं जिले के 27 थानों में व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर आम जनता से नज़दीकियां बढ़ाने की सलाह देते हुए सभी से व्हाट्सएप ग्रुप बनाने की योजना बनी। इस ग्रुप का मकसद सिर्फ इतना ही था कि आम जनता राह चलते अगर कोई बालक बालिका से छेड़खानी, अपराधियों द्वारा किए जा रहे अपराध या अन्य किस्म के अपराध सामने आए तो उसे तुरंत इन व्हाट्सएप ग्रुपों पर फोटो सहित सूचना देने का था। एसपी का फरमान क्या मिला की सभी थाने आनन-फानन में व्हाट्सएप ग्रुप का निर्माण कर ग्रुप में संभ्रांत से लेकर चाहे अनचाहे अपराधी एवं थाने की हिस्ट्रीशीटर तक जुट गये। जिसका फायदा आम जनता, संभ्रांत नागरिकों, पीड़ित नागरिक सहित अन्य लोगों ने सीधा उठाना शुरू किया। किसी भी अपराध की सूचना इन व्हाट्सएप ग्रुप में लोग देना शुरू कर दी। वहीं कुछ फालतू मैसेज भी इन व्हाट्सएप पर पास होना शुरू हुआ। उसके बाद थाने का इंचार्ज भी थाने में हो रहे पीस मीटिंग, होली दशहरा, और अन्य उत्सवों पर आयोजित बैठकों समेत अच्छी बुरी खबरों को भी शेयर करना शुरू कर दिया। जिसका लाभ हानि जनता को आसानी से मिलना शुरू हो गया।
यह व्हाट्सएप ग्रुप अभी छ: माह भी नहीं चला होगा की पुलिस ने आम जनता से दूरी बनाना शुरू कर दिया उसके बाद पुलिस ने व्हाट्सएपियां अत्याचार शुरू कर दिया। पहले एसपी द्वारा बनाई गई मीडिया सेल को Only Group Admin कर दिया गया। जिसमें केवल जिले के पत्रकार जुड़े हुए थे, फिर क्या धीरे-धीरे एक-एक करके थानों के इंचार्ज ने भी अपने-अपने ग्रुपों को Only Group Admin कर व्हाट्सएप ग्रुप के अस्तित्व को ही खत्म कर डाला। आज की तारीख में एक पखवारे से लेकर एक माह तक अगर इन व्हाट्सएप ग्रुपों का सर्वे किया जाए तो शायद एकाध समाचार पुलिस वाले इन व्हाट्सएप ग्रुपों पर डालते देखे जा सकते हैं। इन ग्रुपों पर Only group Admin के संबंध में एक थाना इंचार्ज ने बताया कि इस पर फालतू मैसेज आ रहा था जिसके कारण इसे बंद करना पड़ा। अब महोदय को कौन बताएं जो व्यक्ति पुलिस का नाम सुनते ही आम जनता पसीना-पसीना हो जाता है। फिर इन ग्रुपों पर फालतू मैसेज किसको डालने की हिमाकत होगी। हां इतना जरूर है कि सुबह होते ही दरोगा साहब की हां में हां मिलाने वाले नमस्ते, गुड मॉर्निंग जैसे शब्दों का आदान-प्रदान जरूर होता है। लेकिन फालतू मैसेज कभी नहीं देखने को मिला। सर्किल के जनता ने पुलिस अधीक्षक बिपिन कुमार से अनुरोध किया कि पहले जैसा ही व्हाट्सएप ग्रुप थानों का कर दिया जाए जिससे कि सूचना का आदान प्रदान आसानी के साथ हो सके।