जौनपुर(16जुलाई)। जिला जेल में मंगलवार को एक कैदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो जाने से जिला जेल में हड़कम्प मच गया। कैदी की मौत पर जिला जेल अलग-अलग बयान देकर अपने में उलझता नजर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि जिला जेल में कैदी की जमकर पिटाई हुई जिसके कारण उसकी हालत बिगड़ने के बाद जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
जिलाअस्पताल की माना जाए तो मंगलवार की सुबह करीब 7-8 बजे जयराम पुत्र उरई पाल थाना सिकरारा का रहने वाला कैदी को भर्ती कराया गया था। उक्त कैदी 376 की धारा में जिला जेल में बंद था। बड़ा सवाल यह है कि जिला जेल प्रशासन व जिला अस्पताल का बयान अलग अलग होने से शक की सुई जिला जेल प्रशासन की ओर है। बता दें कि कैदी के मौत पर जेल प्रशासन कह रहा है तबियत खराब होने पर कैदी को जिला अस्पताल भेजा गया तो वहीं अस्पताल प्रशासन का कहना है कैदी को मृत अवस्था मे जेल से लाया गया था। फिलहाल दोनों बयान अलग होने से जेल प्रशासन सवालों के घेरे में है। सोमवार को ही जिला जेल में कैदियों ने भूख हड़ताल की थी जिसका डीआईजी जेल डीएस यादवने रात 10 बजे मामले का निपटारा करके वारणसी के लिए रवाना हुए थे।
मंगलवार की सुबह ही मीडिया में खबर आने लगी कि जिला अस्पताल में कैदी की मौत हो गई है। मौत के बाद जिला जेल प्रशासन अपने गिरेबान बचाने के लिए अनाप-शनाप बयान देकर खुद शक के घेरे में आ जा रही है। कैदी की मौत को लेकर मामले की लीपापोती भी तेजी के साथ सो रही है।
जेल प्रशासन का कहना है कि मृतक की मौत जिला अस्पताल में हुई जबकि जिला अस्पताल का कहना है डेड बॉडी जिला अस्पताल लायी गयी थी। जिला जेल से जयराम उम्र 70 वर्ष पुत्र उरई पाल मृतक को जेल वार्डेन पुष्पेंद्र गिरी, त्रिभुवन यादव ने जेल से पुर्णत: मृत लाया गया था। सच्चाई क्या है यह बताने के लिए जेल प्रशासन बिल्कुल तैयार नहीं है।
जेल में मृतक सोमवार को भूख हड़ताल का कहीं अगुआ तो नहीं था
अब यह बात धीरे-धीरे पूरे जनपद में गूंजने लगी है कि मृतक जय राम सोमवार को भूख हड़ताल के दौरान कहीं आगे आगे तो नहीं था जिसके कारण जेल प्रशासन के लिए आंख का किरकिरी बना उसी रास्ते से हटा देने में जेल प्रशासन अपनी भलाई समझता हो।
बंदी की मौत को लेकर पुत्र ने लगाया डीएम, एसपी से गुहार
खुटहन थाना क्षेत्र के फतेहगढ़ निवासी जयराम की जेल में मौत के प्रकरण पर जयराम के पुत्र वंश बहादुर ने वादी मुकदमा व जेल प्रशासन पर आरोप लगाया कि उसके पिता को 10 लाख रुपए में सुलह के लिए दबाव डाला जाता था तथा उन्हें प्रताड़ित किया जाता था जिसकी वजह से उनकी मौत हुई। वंश बहादुर ने जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र भेज कर वादी मुकदमा व जेल अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग किया। 24 अगस्त 2014 को वादी की 13 वर्षीय भतीजी से दुष्कर्म का बंदी जयराम पर आरोप था।