जौनपुर(15जुलाई) पुलिस और अपराधी में कोई अंतर नहीं रह गया कुछ इस तरीके की हरकत जफराबाद थाना क्षेत्र के एक पत्रकार के साथ दरोगा जी ने कर दिया। थाना क्षेत्र के गद्दीपुर गांव में लड़की भगाने के एफआईआर के मामले में पीड़ित के परिजनो से पूछताछ करना दरोगा को नागवार लग गया। दरोगा ने पूछताछ करने वाले पत्रकार को फोन पर अपराध में फंसा देने की धमकी दी। मामले की जानकारी पत्रकार ने पुलिस अधीक्षक को दिया। जिसकी जांच क्षेत्राधिकारी को सुपुर्द कर दी गई है।
मामला रविवार का है, थाना क्षेत्र के गद्दीपुर की एक युवती को पड़ोसी गांव के युवक द्वारा भगा ले जाने का मामला रविवार को जफराबाद थाने पर आया। युवती के परिजनों की तहरीर के आधार पर जफराबाद पुलिस ने युवक के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया। तहरीर पर पीड़ित पक्ष वादी के लिखे गए मोबाइल नंबर तथा एफआईआर पर दर्ज मोबाइल नंबर पर पत्रकार ने मामले की जानकारी के लिए फोन किया। उक्त बात की सूचना मामले के इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर विनोद सचान को हुई। रविवार को शाम इस मामले के आईयु विनोद सचान ने पत्रकार के मोबाइल पर फोन लगाया। पत्रकार से उन्होंने पूछा कि तुमने वादी को फोन क्यों लगाया। पत्रकार ने कहा क्यों पीड़ित से उसकी पीड़ा के बारे में पूछने के लिए फोन नहीं लगा सकता क्या ? दरोगा जी ने कहा कि मुकदमा नहीं हुआ तो फोन क्यों लगाया। पत्रकार ने मुकदमा पंजीकृत होने का दावा किया। दरोगा साहब ने पूछा कि किसके खिलाफ मुकदमा हुआ है। पत्रकार ने जवाब दिया कि आप थाने के सब इंस्पेक्टर हैं तो आपको पता ही होगा। दरोगा ने कहा कि मैं ही इस केस का इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर हूं। पत्रकार ने पूछा बताइए आपको दिक्कत क्या है। फोन किस लिए किये है। दरोगा ने धमकी भरे लहजे में कहा कि दिक्कत हमको नहीं दिक्कत तुमको होगी। पत्रकार ने पूछा किस बात की दिक्कत करेंगे आप। पीड़ित की पीड़ा जानने के लिए फोन करना कौन सा अपराध है। जवाब में दरोगा ने पत्रकार को धमकी दिया कि अपराध नहीं है लेकिन अपराध बना दिया जाएगा। उक्त बात की जानकारी मोबाइल फोन से तत्काल मौखिक तौर पर पत्रकार ने पुलिस अधीक्षक को दिया, तथा दरोगा द्वारा मोबाइल फोन पर पत्रकार को दी जाने वाले धमकी की वॉइस रिकॉर्डिंग भी पुलिस अधीक्षक को दिया। पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच के लिए सीओ सिटी को सुपुर्द कर दिया है।