जौनपुर (24अप्रैल)। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मतदान की तारीख नजदीक आता देख अधूरे पड़े मई पसेवा पुल के निर्माण के लिए ग्रामीणो ने बगावती तेवर अपना लिया है। ग्रामीणों ने पिछले 13 अप्रैल 2019 को प्रदर्शनकर प्रशासन और क्षेत्रीय विधायक का ध्यान इस ओर आकर्षित कराया था। पुल नही तो वोट नही की ग्रामीणों की चेतावनी का जब विधायक और प्रशासन पर असर नही पड़ा तो 11वे दिन एक बार फिर बुधवार को गुस्साए आधा दर्जन गांवों के लोगो ने क्षेत्रीय विधायक का पुतला फूँका और मतदान के बहिष्कार का निर्णय लिया। बता दे कि 15 सितम्बर 2011 को गोमती नदी के मई-पसेवा घाट पर तत्कालीन बसपा सरकार के लोकनिर्माण मंत्री ने पुल का शिलान्यास किया था। बसपा के बाद सपा सरकार भी इस पुल का निर्माण नही करवा सकी। केराकत तहसील जाने के लिए इधर के लोंगो को लम्बी दूरी तय करनी पड़ती है।नाव से नदी पार करने में हर साल कोई न कोई हादसा का सामना करना पड़ता है।भाजपा की सरकार को सत्ता में आये दो साल हो गए पर पुल पर कार्य नही शुरू हो पाया। कई वर्षों से बंद पुलिस का निर्माण कार्य शुरू नही होने से क्षेत्रवासियों का धैर्य टूट गया। आज बुधवार को मई टुसौरी पहाड़ीपट्टी शुक्ल के तरी भेड़हा, टूटवा का पुरा, टऊआं, कोहारी, औवार और भड़ेहरी के युवकों ने केराकत विधायक के खिलाफ नारेबाजी कर पुतला फूंककर विरोध प्रदर्शन किया। सभी ने एक स्वर में आगामी 12 मई 2019 को होने वाले लोकसभा चुनाव में मतदान नही करने का निर्णय लिया।
पुतला दहन में मुख्यरूप से देशभक्त सुन्दरम सिंह, अमित सिंह, दीपक पाठक, राजकरन शेखर अनुज पाठक दिग्विजय मंजीत पिंटू सिंह, चंदन, प्रदीप, सोनू, उत्तम, सौरभ, रिशु, भोलू पाठक, श्याम लाल मौर्य, दीपक पाठक, अरुण मौर्य श्रीकांत सहित दर्जनों लोग रहे।
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