जौनपुर(14अप्रैल)। लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने जिस प्रकार अपना प्रत्याशी जौनपुर सदर लोकसभा के लिए घोषित किया अच्छे-अच्छे राजनीतिक दिग्गजों के हौसले पस्त हो गए। यहां तक की अपने को एक उद्योगपति बताने वाले अशोक सिंह भी सदर सीट के लिए बसपा पार्टी को छोड़कर कुछ दिन पहले कांग्रेस का दामन पकड़ा था। उनका भी कांग्रेस ने चारों खाना चित कर दिया अब वह ना तो घर का रहे है और न घाट के ही रह गए। कांग्रेस ने अपने पुराने राजनीतिक कुनबे पर दांव लगाना मुनासिब समझा। पार्टी ने अपने पूर्व राज्यसभा सदस्य व राजीव गांधी के करीबी रहे शिव प्रताप मिश्र उर्फ बाबा मिश्र के पुत्र देवब्रत मिश्र को जौनपुर सदर लोकसभा क्षेत्र से शनिवार को प्रत्याशी घोषित कर सियासी गलियारे में समुद्री ज्वार भाटा का उफान ला दिया है। देवब्रत मूल रूप से प्रतापगढ़ के रामनगर निवासी है। 48 वर्षीय देवब्रत ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी हैं। आपने 2004 में मछलीशहर लोकसभा क्षेत्र से भी चुनाव लड़ने का सौभाग्य प्राप्त कर चुके हैं। इन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान से बीए आनर्स,लखनऊ विश्वविद्यालय से एलएलबी के अलावा लंदन स्कूल ऑफ पॉलिटिकल से डिजाइन एंड मैनेजमेंट आर्गेनाइजेशन का कोर्स कर रखा है। इनके पिता शिव प्रताप मिश्र की कांग्रेस में अच्छी पहुंच थी। परिवार इंदिरा गांधी के करीबियों में एक था। श्री मिश्र 1988 से 1994 तक राज्यसभा सदस्य व इससे पहले यूथ कांग्रेस एडवाइजरी कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव होने के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी व केंद्रीय मंत्री सतीश शर्मा के बेहद करीब रहे। शिव प्रताप मिश्र 1999 में मछलीशहर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े थे। देवव्रत की भी सक्रियता जौनपुर में काफी पहले से थी। देवब्रत के उम्मीदवार होते ही कांग्रेसियों में उत्साह का माहौल है तो अन्य दलों की बेचैनी बढ़ गयी है। अपना वोट बैंक सही सलामत बनाएं रखने के लिए वोटरों के बीच अन्य दलों के लोग शनिवार शाम से ही गुणा गणित लगाना शुरू कर दिया है।