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जौनपुर। अंग्रेज चले गये, जमीदारों की जमींदारी चली गई पर हिस्सेदारी नहीं गई,

जौनपुर(2अप्रैल)। कहावत है अंग्रेज चले गये, जमीदारों की जमींदारी चली गई पर हिस्सेदारी नहीं गई। यह कहावत जनपद के सदभावना पुल के पास स्थित नखास मुहल्ले में बराबर देखी जा सकती है। इस मोहल्ले में जिले में रहने वाले कुछ लोग आज भी हिस्सेदारी साबित करने में जुटे हैं। जिसमे नगर के कुछ तथाकथित भूमाफियाओं की नजर सदभावना पुल के पास स्थित नखास मुहल्ले की बेशकीमती जमीनों पर गड़ गई है। कई दशकों से काबिज उक्त मुहल्ला निवासी आज अपने घरों की मरम्मत व जीर्णोद्धार कराने में लाचार हैं। कारण एक भूमाफिया व जनपद के कुछ जाने-माने चेहरे पूरे मोहल्ले को अपने बाप-दादा की सम्पत्ति बताते हैं। जिसमे जिले के आलाधिकारियों को अंधेरे में रखकर मोहल्ले वालों से धनउगाही भी करने का आरोप वहा के निवासी लगा रहे हैं।
बता दे नगर के नखास मोहल्ला (सदभावना पुल) में मई माह वर्ष 2016 में उस समय हड़कम्प मच गया, जब कुछ सफेदपोश कोतवाली पुलिस के साथ मोहल्ला में कुछ लोगो के मकान को कब्जा करने चले आये। बताया जा रहा है कि सफेदपोश यह भूमाफिया पूरे मोहल्ले पर अपनी दावेदारी जता रहे हैं। उक्त मोहल्ला में  20-25 परिवार आज अपने मकान में खुद को बेगाना महसूस कर रहे हैं और उनसे डर-डर कर जी रहे हैं।

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बताते है कि नखास मोहल्ला निवासी कुछ लोग सोमवार को अपने कमरे का टिनशेड हटाकर पक्का छत का निर्माण करा रहे थे कि सायंकाल स्थानीय प्रशासन ने उच्चाधिकारियों को हवाला देते हुए निर्माण को रोकवा दिया। जबकि पीडि़त उक्त जमीन पर पचासों वर्ष से काबिज है और परिवार सहित रह रहा है और राजस्व अभिलेखों में नाम भी दर्ज है। फिर भी कोतवाली पुलिस ने पीडि़त के सभी कागजात को देखने के बाद भी कार्य रोकवाते हुए लोगो  के मनोबल को बढ़ावा देने के का कार्य किया है। जिससे मोहल्लेवासियों में डर व भय व्याप्त है। पीडि़त गाटा संख्या 25/3, 25/4 व 26 का मालिक व काबिज है। पीडि़त  ने बताया कि  हल्का  लेखपाल की मिलीभगत से जमींन हडपने की साजिश रचने वाले आये दिन किसी न किसी बहाने से परेशान करते हैं। जबकि उक्त गाटा संख्या पर न्यायालय में न कोई वाद-प्रतिवाद है और न ही न्यायालय का कोई स्थगन आदेश है। अब सवाल यह है कि उस मोहल्ला में निवास कर रहे लोग अपने मकानों की सुरक्षा व देखभाल कैसे करे। जब सुरक्षा अधिकारी ही इस रवैये पर हो कि “जबरा मारे और रोये भी न दे”।

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