अर्थव्यवस्था में परिवर्तन से प्रबंध प्रक्रिया में आया बदलाव
जौनपुर(16मार्च)। प्रमुख सचिव आवास एवं पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व प्रभारी कुलपति नितिन रमेश गोकर्ण ने कहा कि अर्थव्यवस्था में हो रहे परिवर्तन के कारण प्रबंध प्रक्रिया में भी बदलाव आया है। परिवर्तन के इस दौर में मानव संसाधन प्रबंधन की चुनौतियां का सामना करते हुए बेहतर तरीके से कार्य कर रहे हैं। वह शनिवार को वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के मानव संसाधन विकास विभाग की ओर से आयोजित 21वीं सदी में मानव संसाधन प्रबंध के समक्ष चुनौतियां विषयक संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
उन्होंने सकल घरेलू उत्पादन, जनसंख्या लाभांश, भारत की युवा पीढ़ी एवं तकनीकी विकास के परिप्रेक्ष्य में मानव विकास प्रबंधन कौशल विकसित करने पर जोर दिया। देश में हो रहे आर्थिक बदलाव का जिक्र करते हुए कहा कि आज देश के आधारभूत ढांचे में तेजी से विकास हो रहा है। उसका सकारात्मक असर उद्योगों एवं अन्य क्षेत्र पर भी पड़ा है।
कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि दून विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के प्रो. एससी पुरोहित ने कहा कि 21वीं शताब्दी में चुनौतियों का सामना करने के लिए बुद्धिमता, संवेदना के साथ ही साथ आध्यात्मिक रूप से सशक्त होने की आवश्यकता है। प्रबंधकों को कार्यस्थल पर साधारण कार्यों को भी प्रोफेशनल कौशल के साथ करना चाहिए। उन्होंने उद्योग जगत में वर्तमान में अपनाई जा रही मानव संसाधन नीतियों एवं योजनाओं को उदाहरण के माध्यम से प्रस्तुत किया। छात्रों को सही दिशा में अपना योगदान देने का आह्वान किया। विभाग के अध्यक्ष प्रो. अविनाश पाथर्डीकर ने अतिथियों का स्वागत एवं विषय प्रवर्तन किया। उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र का योगदान जीडीपी में 50 फीसदी है। जबकि उनकी भागीदारी 93 फीसदी है। असंगठित क्षेत्र के लोगों की क्षमता बढ़ाने के लिए शोध कार्य की आवश्यकता है। प्रो. मानस पांडेय ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट किया। धन्यवाद ज्ञापन डा. रसिकेश ने किया। इस अवसर पर प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. बीडी शर्मा, डा. मुराद अली, डा. मनोज मिश्र, डा. सचिन अग्रवाल, डा. आशुतोष सिंह, डा. कमलेश पाल, अंजली मौर्या आदि मौजूद रहे।